रायपुरPublished: Feb 09, 2023 01:28:35 pm
Sakshi Dewangan
इस दौरान गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश निश्चलानंद सरस्वती से 184 लोगों ने दीक्षा लेकर गुरु मंत्र लिया। दीक्षा में, जो भी व्यक्ति जिस भी ईष्ट का मानता है, उस देवी-देवता का मंत्र लिया। गृहस्थों के लिए नाम मंत्र, ताकि गृहस्थ जीवन का पालन कर सकें। गुरुदेव मंत्र को उपदेश किया, इस मंत्र को निरंतर जप करने से जप का अधिकारी बन जाएंगे।
जगदलपुर. गोयल धर्मशाला में निवास के दौरान गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश निश्चलानंद सरस्वती ने धर्म संगोष्ठी में लोगों के सवालों का एक-एक कर जवाब दिया। इस दौरान उन्होने कहा कि भारत ही नहीं पूरे एशिया महाद्वीप को सनातनी सभ्यता का वाहक बनाना है, इस अभियान को लेकर विगत 17 माह से देश और एशिया के अन्य देशों में सनातनियों के बीच पहुंच रहा हूॅं। उन्होंने कहा कि मेरे लिए कुछ असंभव नहीं है। जब मैं दिल्ली में स्कूल में पढ़ाई कर रहा था। तब किसी सज्जन ने मुझे भगवान श्री शंकराचार्य जी का चित्र दिया था। उस समय मेरे मन में शंकराचार्य बनने का विचार आया और मै बन गया। सनातन संस्कृति को स्थापित करने का संकल्प मैने लिया है।