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अल्टीमेटम का शिक्षाकर्मियों ने इस अंदाज में दिया जवाब, सरकार को दिलाई घोषणा पत्र की याद

locationरायपुरPublished: Nov 25, 2017 11:07:21 am

Submitted by:

Ashish Gupta

शिक्षाकर्मियों का आंदोलन पांचवें दिन भी जारी रहा। सरकार के अल्टीमेटम का जवाब देते हुए शिक्षाकर्मियों ने भाजपा के घोषणा पत्र के साथ प्रदर्शन किया।

Shikshakarmi strike in CG

अल्टीमेटम का शिक्षाकर्मियों ने इस अंदाज में दिया जवाब, सरकार को दिलाई घोषणा पत्र की याद

रायपुर . संविलियन और नियमितिकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर गए शिक्षाकर्मियों का गुस्सा उस वक्त और भड़क गया, जब सरकार ने उन्हें स्कूल नहीं लौटने पर बर्खास्त करने की चेतावनी दी। आंदोलन के पांचवें दिन भी शिक्षाकर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे रहे। शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे शिक्षाकर्मियों ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और धरनास्थल पर वर्ष 2003 और 2008 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा के घोषणापत्र के साथ प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन कर रहे शिक्षाकर्मियों ने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2003 विधानसभा चुनाव में जारी अपने घोषणा पत्र को संकल्प पत्र बताया था। उन्होंने रमन सरकार को चुनावी वादों की याद दिलाते हुए कहा – सत्ता में आने पर शिक्षाकर्मियों को एक सम्बद्ध प्रमोशन एवं अन्य शासकीय कर्मचारियों के समान समय-समय पर दिए जाने वाले टीए, डीए एवं आवश्यकता अनुसार रिक्त पदों पर संविलियन की कार्यवाही किए जाने का वादा किया था। जबकि वर्ष 2008 में प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने घोषणा पत्र को वचन पत्र बताते हुए वादा किया था कि शिक्षाकर्मी को संपूर्ण शिक्षक का सम्मान देने का वादा किया था।
शिक्षाकर्मियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के समय सरकार ने शिक्षाकर्मियों के बेहतरी के लिए तमाम वादे किए थे, लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद भूल गई। एेसे में शिक्षाकर्मी अपने आप को काफी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सरकार को मांगे पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
वहीं शिक्षाकर्मियों के हड़ताल को लेकर सरकार सख्ती के मूड में है। सीएम डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भी कार्रवाई की ही बात हुई। कैबिनेट में लगभग सारे मंत्री हड़ताल के आगे नहीं झुकने की बात पर एकमत दिखे।बताया जा रहा है कि एक मंत्री ने जानना चाहा कि शिक्षाकर्मियों पर कार्रवाई करने से ग्रामीण वोटर कहीं नाराज तो नहीं होगा। जवाब में कुछ मंत्रियों ने कहा, गांव वाले खुश होंगे, क्योंकि शिक्षाकर्मी स्कूल जाते ही नहीं हैं। वैसे जितने नाराज होंगे, उतने ही नए लोगों को नौकरी देने से लोग खुश भी होंगे।
इन बातों के अलावा शिक्षाकर्मियों की मांग के औचित्य आदि पर कोई चर्चा नहीं हुई। बताया जा रहा है कि सरकार शुक्रवार की शाम को प्रदेशभर के जिला पंचायत सीईओ से वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर हालात की रिपोर्ट लेगी। उसके बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू होगी। इससे करीब ढाई हजार शिक्षाकर्मियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

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