वीमंस के लिए वल्र्ड में बिगेस्ट चैलेंज क्या है?
फिनाले में 12 गर्ल्स सलेक्ट हुईं थीं। जजेस ने अलग-अलग पार्टिसिपेंट्स से सवाल पूछे। मुझसे हुमा कुरैशी ने पूछा कि वीमंस के लिए वर्ल्ड में बिगेस्ट चैलेंज क्या है? मैंने कहा- हम जितने भी स्ट्रांग हों लेकिन हमें एक्सेप्टेंस नहीं मिलते। वीमंस जितनी भी पढ़ी लिखी हों, ताकतवार हों लोग रुकावट डालने का काम करते हैं।आपके हिसाब से फेमेनिजम क्या है?
टॉप 6 में पहुंचने के बाद हमको हेडफोन पर गाना सुनाया गया। सभी के लिए कॉमन सवाल था कि आपके हिसाब से फेमेनिजम क्या है? मैंने कहा- जो राइट्स और अपॉच्र्युनिटी इतने वर्षों से ब्वॉयज एंजॉय कर रहे हैं वह हमें मिला नहीं, इसलिए हमने इसे क्रिएट किया था। फेमेनिजम का मतलब ये नहीं कि खुद को लड़कों से बेहतर समझें बल्कि हम बराबर हैं। बल्कि मैं यह कहूंगी कि फेमेनिजम लड़कों की जरूरत है जो उनके मॉम, सिस्टर या डॉटर को सपोर्ट करे। नेक्स्ट जनरेशन में काफी सुधार आएगा।सपनों को जीयें
शिवानी ने कहा कि अगर आप ठान लें कि कुछ अलग करना है तो आप उस दिशा में बढ़ते जाएंगे। आपको ऐसे लोग मिलते चले जाते हैं जो में मंजिल तक पहुंचने में मदद करते हैं। मैं स्पेशली गल्र्स से यही कहूंगी कि अपने सपनों को जीएं। उन्हें मरने न दें। जो दिल में आए वहीं करें। पैरेंट्स को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों के इंट्रेस्ट को तवज्जों दे।