आपको बता दें कि पेट के बल लेटने(Side effects of sleeping on stomach) से रीढ़ पर अनुचित दबाव पड़ता है क्योंकि आप स्वाभाविक रूप से धड़ पर अधिक गहराई तक धंस(Health Tips) जाते हैं। जब हम पेट के बल सोते हैं, तो अधिकतम भार शरीर के केंद्र पर होता है। रीढ़ की हड्डी पर तनाव आपके शरीर की विभिन्न प्रणालियों पर तनाव बढ़ाता है।
पेट के बल सोने से गर्दन की स्थिति बाधित होती है। ऐसा करने से यह स्थिति आपकी गर्दन को घुमाते हुए आपके सिर और रीढ़ की हड्डी(Side effects of sleeping on stomach) को संरेखण से बाहर कर देती है। अगर आप सिर्फ एक बार बेली स्लीपिंग करते हैं तो यह आपको नुकसान नहीं करेगा लेकिन यदि आप यह वर्षों तक करते हैं तो इससे आपके गर्दन पर समस्या उत्पन्न हो सकती है।
हालांकि, अगर आपको किसी वजह से पेट के बल सोने की आदत है तो आपको एक सख्त गद्दे का उपयोग करना चाहिए और अपने श्रोणि के नीचे एक तकिया लगा लेना चाहिए।
रीढ़ की हड्डी पर दबाव(Side effects of sleeping on stomach)
पेट के बल सोना हमारे सेहत के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक होता है। यह इसलिए क्योंकि इस पोजीशन में सोने से ज्यादातर वजन बॉडी के बीच में आ जाता है। ऐसे में रीढ़ की हड्डी की पोजिशन नहीं बदल पाती और उस पर दबाव बन जाता है। इस वजह से शरीर के दूसरे हिस्सों में भी दर्द होने लगता है।
झुनझुनाहट की दिक्कत(Side effects of sleeping on stomach)
इसके अलावा पेट के बल सोने की वजह से हमारा शरीर निष्क्रिय महसूस करने लगता है। शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द और झुनझुनाहट की दिक्कतें होने लगती है। यहां तक कि कई बार ऐसा लगता है मानो बॉडी सुन्न पड़ रही हो। पेट के बल सोने वालों को अधिकतर गर्दन में दर्द रहता है। उन्हें झुकाव की भी समस्या का सामना करना पड़ता है।