scriptनए खुलासे के बाद शिवशंकर के सामने नान के आरोपियों से फिर पूछताछ करेगी SIT | SIT will again interrogate accused of Civil supply scam or NAN scam | Patrika News

नए खुलासे के बाद शिवशंकर के सामने नान के आरोपियों से फिर पूछताछ करेगी SIT

locationरायपुरPublished: Sep 15, 2019 04:19:15 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

घोटाले की जांच कर रहा विशेष जांच दल आरोपों के दायरे में आए चिंतामणि चंद्राकर समेत 5 प्रमुख लोगों से शिवशंकर भट्ट के सामने पूछताछ करने की तैयारी में है।

nan_ghotala_1.jpg
रायपुर. नान घोटाले (Civil Supply Scam) में मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट के नए खुलासों के बाद जांच का एक नया सिरा खुल गया है। घोटाले की जांच कर रहा विशेष जांच दल आरोपों के दायरे में आए चिंतामणि चंद्राकर समेत 5 प्रमुख लोगों से शिवशंकर भट्ट के सामने पूछताछ करने की तैयारी में है।
इसमें चिंतामणि चंद्राकर के अलावा भारतीय वन सेवा अवसर एवं नान के तत्कालीन एमडी कौशलेंद्र सिंह, एमडी के पीए रहे गिरीश शर्मा, शिव शंकर भट्ट के पीए रहे केके बारिक और एक अन्य का नाम शामिल है। कहा जा रहा है, सभी को सम्मन जारी कर एसआईटी दफ्तर में बुलाया जाएगा।

नान घोटाले में सरकारी गवाह बनेंगे शिवशंकर भट्ट, SIT की पेशकश को किया स्वीकार

बताया जा रहा है कि इस घोटाले में आरोपी बनाए गए सभी 12 लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है। उनकी भूमिका की जांच करने के लिए कौशलेन्द्र सिंह, गिरीश शर्मा, चिंतामणि चंद्राकर, केके बारिक के बयान को आधार बनाया जाएगा। बताया जाता है कि 36000 करोड़ के नान घोटाले में इन सभी की भूमिका है। जांच के दौरान इसके दस्तावेज भी ईओडब्ल्यू और एसआईटी को मिल चुके हैं।
एसआईटी इन 5 लोगों से पूछताछ में सीएम साहब, सीएम मैडम सहित नाम घोटाले की रकम और इसमें हिस्सेदारी लेने वाले सभी लोगों के संबंध में जानकारी लेने की कोशिश करेगी। उनमें मिली जानकारी के आधार पर आरोप पत्र तैयार किया जाएगा। इसे एसआईटी स्पेशल कोर्ट में जल्दी ही पेश करेगी।

नागरिक आपूर्ति घोटाला मामले में चिंतामणि चंद्राकर EOW हिरासत में, पूछताछ जारी

बता दें कि शिवशंकर भट्ट ने कलम बंद बयान दर्ज कराने के लिए रायपुर कोर्ट में आवेदन दिया है, जिसकी सुनवाई 25 सितंबर को होगी। वहीं भट्ट द्वारा जारी किए गए शपथपत्र में पूरे मामले का खुलासा किए जाने से एसआईटी को महत्वपूर्ण साक्ष्य भी मिले हैं।

भुगतान और कमीशन की लेगी जानकारी
एसआईटी के अफसर नान मुख्यालय से जब किए गए 2011 से 2014 की फाइलों की जांच करेंगे। इस दौरान चावल, चना, मटर के उपार्जन, उसकी आपूर्ति और परिवहन करने वाले कारोबारियों, मिलर और ट्रांसपोर्टरों को किए गए भुगतान और कमीशन का हिसाब किया जाएगा। साथ ही चिंतामणि चंद्राकर द्वारा लिखी जाने वाली डायरी और भेजे जाने वाली रकम की जानकारी ली जाएगी।

बड़ा खुलासा: तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह थे 36 हजार करोड़ के नान घोटाले के मुख्य सूत्रधार

बता दें कि 12 फरवरी 2015 में नान घोटाला (Civil Supply Scam) उजागर हुआ था। ईओडब्ल्यू और एसीबी के तत्कालीन एडीजी मुकेश गुप्ता के निर्देश पर 28 ठिकानों पर दबिश दी गई थी। इस दौरान करीब 4 करोड़ रुपए नकदी सहित करोड़ों रुपए के लेन-देन का हिसाब और कमीशन लेने वालों का नाम मिला था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो