scriptसीता की रसोई और राम-लक्ष्मण की गुफाओं का होगा कायाकल्प | Sita's kitchen and Ram-Laxman caves will be rejuvenated | Patrika News

सीता की रसोई और राम-लक्ष्मण की गुफाओं का होगा कायाकल्प

locationरायपुरPublished: Aug 04, 2020 06:11:47 pm

Submitted by:

ramendra singh

छत्तीसगढ़ शासन की योजना में कोरिया जिले के सीतामढी-हरचौका और सरगुजा का रामगढ़ भी शामिल

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सीता की रसोई और राम-लक्ष्मण की गुफाओं का होगा कायाकल्प,सीता की रसोई और राम-लक्ष्मण की गुफाओं का होगा कायाकल्प

रायपुर . छ्त्तीसगढ़ में भगवान राम के वनवास काल से संबंधित जिन स्थानों को पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है, उनमें कोरिया जिले का सीतामढी-हरचौका तथा सरगुजा का रामगढ़ भी शामिल है। इनमें से रामगढ़ की प्रसिद्धि विश्व की प्राचीनतम नाट्यशाला के लिए भी है। वनवास के दौरान भगवान राम ने कोरिया जिले से ही छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था। भरतपुर तहसील के जनकपुर में स्थित सीतामढ़ी-हरचौका को उनका पहला पडा़व माना जाता है। मवाई नदी के किनारे स्थित सीतामढ़ी-हरचौका की गुफा में 17 कक्ष हैं। इसे सीता की रसोई के नाम से भी जाना जाता है। वहां एक शिलाखंड हैै जिसे लोग भगवान राम का पद-चिन्ह मानते हैं। मवाई नदी तट पर स्थित गुफा को काट कर 17 कक्ष बनाए गए हैं, जिनमें शिवलिंग स्थापित हैं। इसी स्थान को हरचौका (रसोई) के नाम से जाना जाता है। भगवान राम हरचौका से रापा नदी के तट पर स्थित सीतामढ़ी-घाघरा पहुंचे थे। यहां करीब 20 फीट ऊपर 4 कक्षों वाली गुफा है, जिसके बीच में शिवलिंग स्थापित है। आगे की यात्रा में वे घाघरा से निकलकर कोटाडोला होते हुए सरगुजा जिले की रामगढ़ पहाड़ी पहुंचे थे। यह अम्बिकापुर- बिलासपुर मार्ग पर स्थित है। इसे रामगिरि भी कहा जाता है।

महाकवि कालीदास ने कालजयी रचना मेघदूतम की रचना यहीं पर की
महाकवि कालिदास ने अपनी कालजयी कृति मेघदूतम् की रचना यहीं पर की थी। मेघदूतम् में इसी स्थान के दृश्यों का अंकन हुआ है। वनवास के दौरान श्रीराम ने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ यहां कुछ दिन बिताये थे। इसीलिए वहां स्थित गुफाएं लोक में उन्हीं के नाम से जानी जाती हैं। राम के तापस्वी वेश के कारण एक का नाम जोगीमारा, दूसरे का सीता बेंगरा एवं एक अन्य का लक्ष्मण गुफा पड़ गया।

भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना
भगवान राम के वनवास काल से संबंधित स्थानों का पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके लिए राम वन गमन परिपथ तैयार किया जा रहा है। शासन ने राम से संबंधित 75 स्थानों का चयन किया है। पहले चरण में इनमें से 9 स्थानों का सौंदर्यीकरण एवं विकास किया जा रहा है। इसके लिए 137 करोड़ 45 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है। इस परिपथ में अच्छी सड़कों समेत विभिन्न तरह की नागरिक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।

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