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रायपुर

बरसात में नदियों के जरिए हो रही लकडिय़ों की तस्करी

रोकने के लिए वन विभाग ने दिए छापेमारी करने के निर्देश, अवैध कटाई और तस्करी रोकने के लिए तीन महीने अभियान चलाने कहा

रायपुरJul 27, 2020 / 08:25 pm

Devendra sahu

बरसात में नदियों के जरिए हो रही लकडिय़ों की तस्करी

बरसात में नदियों के जरिए हो रही लकडिय़ों की तस्करी

रायपुर. राज्य की सीमा से सटे हुए इलाकों में बारिश के दौरान लकड़ी की तस्करी करने वाले सक्रिय हो जाते है। नदियों के उफान पर आते ही उसे बहाकर सुरक्षित स्थानों में ले जाते है।
पिछले कुछ वर्षों में लगातार बस्तर के सुकमा, बीजापुर और गरियाबंद के सीतानदी-उदंती इलाके में सक्रियता को देखते टीम को सर्चिंग करने के निर्देश दिए गए है। स्थानीय जिाल वनमंडलाधिकारी को बार्डर से सटे हुए इलाकों में नजर रखने कहा गया है।
बीजापुर, दंतेवाड़ा, बारसूर इलाके में कई वर्षों से इस तरह से इमारती लकडिय़ों की तस्करी हो रही है। तस्कर इन लठ्ठों को काटकर नदी की धार के साथ बहा देते हैं और राफ्ट नुमा छोटी नाव का सहारा लेकर इसे तेलंगाना सीमा के पार तक ले जाते हैं। समय-समय पर वन विभाग की टीम कार्रवाई भी करती है, लेकिन इस पर लगाम नहीं लग पा रही है। तस्करों की वजह से इमारती लकडिय़ों वाला घना जंगली इलाका अब धीरे-धीरे उजाड़ हो रहा है।
तस्करी में ईमानदारी
लकडिय़ों की अवैध कटाई और तस्करी करने वाले गिरोह के लोग अपना पूरा कारोबार भी ईमानदारी से करते है। कटाई के बाद नदी में बहाने से पहले लकड़ी में निशान लगाते है। जिस गैंग ने लकड़ी डाली है, उसी गैंग के सदस्य निशान देखकर अपनी लकड़ी ले जाते है। दूसरे गिरोह के लोग किसी अन्य की लकड़ी को हाथ तक नहीं लगाता है। यह जानकारी पकड़े गए गिरोह से पूछताछ के दौरान वन विभाग को मिली।

संवेदनशील क्षेत्र
मा ओवादियों के मूवमेंट को देखते हुए बीजापुर के भोपालपटन्म इलाके को बेहद संवेदनशील माना जाता है। वहीं प्रशासनिक अमले के अंदरूनी इलाकों में नहीं आने से तस्करी करने वाले सक्रिय रहते है। यहां कटाई के बाद तिमेड़ नदी के सहारे इन लट्ठों को तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचाया जाता है। वहीं इसमें लगे हुए निशान के आधार पर उनके साथी लकडिय़ों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचा देते है।

इसी तरह इंद्रावती नदी के रास्ते महाराष्ट्र और तेलंगाना लकडिय़ा ले जाई जाती है। पिछले 2018-19 में बीजापुर जिले में वन विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए कुल 86 नग सागौन के गोले जब्त किए। इनकी अनुमानित कीमत 8 लाख रुपए थी। इसी तरह भोपालपटनम परिक्षेत्र तिमेड घाट के पास भी दबिश दी गई थी। लेकिन, वन अमले के पहुंचने भनक मिलते ही तस्करी करने वाले फरार हो गए।
अवैध क टाई और तस्करी करने वाले गिरोह को पकडऩे के लिए स्थानीय टीम को गश्त करने के निर्देश दिए गए है। उनकी सक्रियता के चलते गरियाबंद और सरगुजा वनवृत में पिछले सप्ताहभर में 30 लाख रुपए का लकड़ी पकड़ी
गई है।

राकेश चतुर्वेदी, पीसीसीएफ

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