आस-पास के लोगों ने स्नेक रेस्क्यू टीम को इसकी सूचना दी। स्नेक रेस्क्यू टीम के सत्यम कुमार द्विवेदी मौके पर पहुंच कर सांप को बिल से बहार निकाला। कुछ देर तक रेस्कुएर को समझ नहीं आया की क्या खाया है सांप ने बाद में जब सांप को छेड़ा गया तो उसने दुसरे बड़े सांप को निगल रखा था। उसके बाद रेस्कुएर सत्यम ने नाग को रेस्क्यू किया और लोगों से अपील की, अगर कहीं सांप दिखे तो इसकी जानकारी रेस्कुएर्स को दे। उन्हें मारने से प्रकृति को नुक्सान पहुँचता है।
कमरे से निकले 12 सपोले
इसी तरह जांजगीर चांपा में भी एक खबर सामने आयी जहाँ घर के कमरे से लगातार सांप निकल रहे थे। ये घटना गांव और आसपास के गांव में आग की तरह फैल गई थी। ग्रामीण ने एक-एक कर सांप के पांच बच्चों को मारा, जब फिर भी सपोलों का निकलना बंद नहीं हुआ तो उन्होंने स्नेक रेस्क्यू टीम अध्यक्ष वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को इसकी जानकारी दी।
सारथी अपने सहयोगी नागेश सोनी ने रेस्क्यू ऑपरेशन चालू किया। घर वालों ने बताया कि ये कमरा काफी लंबे समय से बंद है और डर से हम सब अन्दर प्रवेश नहीं कर पा रहे। धीरे-धीरे सभी सामान को बाहर निकाला गया और उस दीवार को तोड़ा गया, जहां से सपोले निकल रहे थे। जैसे-जैसे दीवार को तोड़ कर खुदाई करते गए वैसे-वैसे दीवार और नीचे जमीन से एक-एक कर 12 कोबरा के बच्चे निकाले गए।
इस मंजर को देखने के लिए पूरा गांव इकट्ठा हो गया था। पुरे गावं के सामने सारे सपोलों को बहार निकाला गया। साथ ही सारे गावं वालों से अपील की, बारिश के मौसम में साँपों का दिखना सामान्य है। यदि आपको सांप दिखे तो उनको मारे बिना इसकी जानकारी वन विभाग को या स्नेक रेस्कुएर्स को दे।