scriptअब तक लक्ष्य का 58 फीसदी तेंदूपत्ते का संग्रहण, संग्राहकों को 389 करोड़ रुपए की आय | So far, 58 of target collection of tendu leaves | Patrika News

अब तक लक्ष्य का 58 फीसदी तेंदूपत्ते का संग्रहण, संग्राहकों को 389 करोड़ रुपए की आय

locationरायपुरPublished: Jul 05, 2020 06:55:44 pm

कोरोना संकट में जमकर बरसा हरा सोना

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सात साल में नहीं लगा सके लाखों की प्रतिमा, अब हो रही हैं जमींदोज,अब तक लक्ष्य का 58 फीसदी तेंदूपत्ते का संग्रहण, संग्राहकों को 389 करोड़ रुपए की आय

रायपुर. कोरोना संकट काल में भी छत्तीसगढ़ के जंगलों में हरा सोना कहे जाने वाले तेंदूपत्ते की जमकर बारिश हुई। लॉकडाउन के दौरान से अब तक प्रदेश में तेंदूपत्ता का संग्रहण पूरी रफ्तार के साथ जारी है। चालू सीजन में अब तक 9 लाख 72 हजार 697 मानक बोरा का संग्रहण किया जा चुका है, जो कुल लक्ष्य का 58 प्रतिशत है।
सरकार ने 16 लाख 71 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण के लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे संग्राहकों को 389 करोड़ रुपए की आय हुई है। कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश मेंं राज्य शासन द्वारा कृषि और वन आधारित आर्थिक गतिविधियां संचालित रहने के लिए निर्देशित किया था। नए सीजन में तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य में उत्पन्न चुनौतियों का आंकलन कर रणनीति तैयार की गई।
स्थानीय श्रमिकों से कराया गया भंडारण

तेंदूपत्ता के संग्रहण से लेकर भंडारण तक कार्य तक पूरी तरह स्थानीय श्रमिकों से कराया गया। इससे बीते सीजनों की तुलना में इस सीजन में स्थानीय लोगों को रोजागर के अधिक अवसर मिले। कृषि क्षेत्र की तरह वन क्षेत्रों में भी सभी तरह की आर्थिक गतिविधियां पूरे एहतियात के साथ संचालित की गईं। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की अनिवार्यता भी शामिल रही। राज्य शासन द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण दर में इजाफा करते हुए 4000 रुपए प्रति मानक बोरा कर दिए जाने से संग्रहकों ने इस सीजन में खासे उत्साह के साथ तेंदूपत्ता का संग्रहण किया।
सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाला तेंदूपत्ता

छत्तीसगढ़ के तेंदूपत्ते की गुणवत्ता देश में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इसलिए सरकार इस कार्य को गंभीरता से कराती रही है। लॉकडाउन समाप्त होने और अनलॉक की शुरुआत होने के साथ ही संग्रहण कार्य में और तेजी आ गई है। शासन ने सभी तेंदूपत्ता श्रमिकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जिन अंदरुनी क्षेत्रों में बैंकों के माध्यम से राशि के अंतरण में असुविधा हो रही हो, वहां श्रमिकों को नकद भुगतान करने को कहा गया है।
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