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सेल्फी ह सबो ल बिलहोरत हे

locationरायपुरPublished: Oct 22, 2018 05:59:47 pm

Submitted by:

Gulal Verma

अपराध अउ अपसंस्करीति बाढ़त हे

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सेल्फी ह सबो ल बिलहोरत हे

समे बदल गे हे। जमाना कती ले कती भागत हे, तेकर ठिकाना नइये। जमाना संग पल्ला भगइया हमरमन के मगज ह कोन चिखला -दांदर म बोजा गे हे। सबो के मति अउ सोच ह सेल्फी संग रहिके सेल्फीस होगे हे। सुग्घर दिखे के चक्करर म हमन भुला जथंन कोन करा गड्ढा हे। कतिहां पखरा हे। कती के रद्दा म कांटा बगरे हे। सेल्फीस बन के एक धररा म रेंगत हंन। थोरको झमेला ल ककरो नइ सेहे सकन। अकेल्ला के खुसी बर घर-परवार ल मझधार म छोड़ के सेल्फी संग रेंग देथंन।
बड़ चिन्ता होथे ए सेल्फी ह जब ले आय हे, सबो मनखे के चैन ल छीन ले हे। जम्मोझन के मुंह ह टेडग़ा होगे हे। सोज मुंह कोनों बात नइ करय। ए बीमारी ह घरो-घर पलथियाय बइठे हे। जीव ल जोखिम म डार के, बने सहराही कहिके अकेल्ला-अकेल्ला सेल्फी खीचत हें। समे के हिसाब से ढले म समझदारी हे। फेर, अइसन ढलई ह तो नासमझी लगथे। का सहर, का गांव, कोनो ह सेल्फी के मार ले नइ बच पाय हे। ए सेल्फी ह सबो कोई ल बिलहोरत हे। हमन सेल्फी के धारे-धार म सेल्फीस बन के बोहावत हंन। गरी के फोही असन उफल के उबुक-चुबुक काया ल देख सहरावत हंन।
अपराध अउ अपसंस्करीति बाढ़त हे
आ जकाल टीवी, मोबाइल अउ इंटरनेट के सेती घलो अपराध अउ अपसंस्करीति बाढ़त हे। रंग-रंग के नसा घलो ऐकर सेती हे। हमर जवनहा लइकामन ल सही रद्दा देखाय बर चाही। हमर देस म नारी-परानी अउ नोनीमन ऊपर अत्याचार, अनाचार, दुरव्यवहार, हत्या के घटना दिनोंदिन बाढ़त जावत हे। अब ए घटनामन ले निबटे बर इस्कूल-कालेज म महिला सुरक्छा पुलिस सेल ह नोनीमन ल आत्मरक्छा के गुर सिखोवत हावय। ‘गुड टच- बेड टचÓ् के बारे म नोनीमन ल जानकारी देवत हें। सहर म नोनीमन ल अपन सुरक्छा करे बर करातेे सिखोवत हें। ए सब ह बढिय़ा हे।
फेर, अब के समे म छोकरामन ल नान्हेपन ले अपन सभ्यता, संस्कार, उच्च चरित्र अउ नैतिकता सिखोये के जरूरत हे। काबर इही छोकरामन गुंडा बदमाश हो जथें अउ कोनो भी अपराध ल कर डारथें। संगे-संग टीवी, मोबाइल अउ इंटरनेट के सेती बाढ़त अपराध अउ अपसंस्करीति ल घलो रोके के खच्चित जरूरत हे। सोसल मीडिया, अउ संचार माध्यम ले गलत जिनिसमन ल तुरते निकाले बर चाही।

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