किसानों की अनदेखी रहेगा मुद्दा
चुनाव को लेकर राजनांदगांव में फिलहाल सिर्फ दो जगह गहमागहमी है। एक तो चुनाव कार्य निपटाने वाले प्रशासनिक अमले में और दूसरा राजनीतिक दलों में। हमने अपनी चुनाव यात्रा की शुरुआत राजनांदगांव शहर की जीवनदायिनी नदी शिवनाथ नदी के तट पर हरदी से हमने शुरुआत की।हरदी के बाजार चौक में एक साथ कई इलाके के लोग मिल गए। हरदी के रहने वाले कौशल कुमार सोनकर कहते हैं कि शिवनाथ नदी के तट पर बसा उनका गांव जमाने से नल से पानी के लिए तरस रहा था लेकिन बीते कुछ साल पहले पानी टंकी बन गई और पानी आने लगा है।
अफसरों की शिकायत
आखिरी छोर में गांवों के लोगों से चाय की चुस्की के बीच चर्चा के बाद हम आगे बढ़े। सीएम डॉ. रमन के गोद ग्राम सुरगी जाने के रास्ते में उनके सांसद पुत्र अभिषेक सिंह के गोद ग्राम भोथीपार का बोर्ड नजर आया। हम वहां पहुंच गए। यहां मिले जगेसर साहू। वे गुस्से में दिखे। उनका गुस्सा सरकारी अफसरों और मीडिया को लेकर था। हम पर भड़कते हुए उन्होंने कहा कि सांसद ने जो हमने मांगा, सब दिया लेकिन ठेकेदार ने सब काम का कबाड़ा कर दिया।
किसान परेशान
मुख्यमंत्री के गांव के किसान भी परेशान नजर आए। हम बाकी बात कर ही रहे थे कि पास खड़े किसान लखन साहू बोल उठे कि दो साल से बोनस नहीं मिला है। बीमा की राशि नहीं मिली है। मुख्यमंत्री गोदग्राम के तमगे पर नाराज होते किसान संतनुराम और कमलेश्वर ने कहा कि जैसे पहले जी रहे थे, अब भी वैसे ही हैं।
चंदुलालजी की चौपाल
चंदूलाल चंद्राकर के गृह ग्राम भर्रेगांव में इस गांव में सब कुछ बेहतर नजर आया। गांव के चौक में बकायदा स्टील की कुर्सियां लगी दिखीं। इन कुर्सियों में बैठे करीब 75 साल के नारायण सिन्हा ने कहा कि सब अच्छा हो रहा है। पीएम आवास मिल गया। शौचालय बन गया।