माओवादियों के निशाने पर हैं जनप्रतिनिधि, इसलिए सुरक्षा में तैनात होगी ये स्पेशल टीम
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा में स्पेशल टीम तैनात की जाएगी। राज्य पुलिस इसकी तैयारियों में जुटी हुई है।

रायपुर . माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा में स्पेशल टीम तैनात की जाएगी। खुफिया विभाग की रिपोर्ट के बाद राज्य पुलिस इसकी तैयारियों में जुटी हुई है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। लगातार मंडरा रहे खतरे को देखते हुए उच्च स्तर पर इसकी कवायद हो रही है। जनप्रतिनिधियों का सुरक्षा घेरा बढ़ाने के लिए जिला और तहसील स्तर पर इस टीम का गठन किया जाएगा।
प्रशिक्षण के बाद पदस्थापना का इंतजार कर रहे जवानों को इसमें शामिल किया जाएगा। वे जनप्रतिनिधियों के आगमन से लेकर विदाई तक उनकी सुरक्षा में तैनात रहेंगे। हालांकि प्रोटोकाल के तहत जनप्रतिनिधियों के घरों की सुरक्षा के लिए जवानों को तैनात किया गया है। इसके बाद भी हो रहे हमलों को देखते पिछले काफी समय से इसकी कवायद चल रही थी।
सुरक्षा की समीक्षा
जनप्रतिनिधियों को लगातार निशाना बनाए जाने के बाद राज्य पुलिस के अफसर सुरक्षा की समीक्षा कर रहे हैं। बताया जाता है कि सुरक्षा में तैनात जवानों के संबंध में सभी जिलों से जानकारी मंगवाई गई है। पुलिस महानिरीक्षक इसकी समीक्षा करने के बाद सुरक्षा रिव्यू कमेटी को रिपोर्ट देंगे। इसके आधार पर जवानों की तैनाती का फैसला किया जाएगा।
इन पर हो चुका है माओवादी हमला
वनमंत्री महेश गागड़ा का नाम माओवादियों के हिटलिस्ट में है। कई बार उनके काफिले पर वे हमला कर चुके हैं। 2009 में तत्कालीन बस्तर सांसद बलीराम कश्यप के भानपुरी स्थित घर पर हमला हुआ था। इसमें उनके पुत्र तानसेन की मौत हो गई थी, वहीं दूसरे बेटे दिनेश (अब भाजपा सांसद) गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
2012 में बिंद्रानवागढ़ के तत्कालीन भाजपा विधायत डमरूधर पुजारी के घर पर माओवादियों ने जमकर उपद्रव मचाया था। इसी तरह शिक्षा मंत्री केदार कश्यप के काफिले पर हमला हो चुका है। 2012 में तत्कालीन महिला एवं बालविकास मंत्री लता उसेंडी के घर पर हमला कर उनके संतरी की हत्या की गई थी।
निशाने पर जनप्रतिनिधि
आइबी रिपोर्ट के अनुसार माओवादियों के निशाने पर जनप्रतिनिधि हैं। फोर्स के बढ़ते दबाव के चलते माओवादियों ने रणनीति में बदलाव किया है। गौरतलब है कि पिछले चार वर्षों में 30 से अधिक सरपंच और पंचायत के पदाधिकारियों का अपहरण और हत्या कर चुके हैं।
सुरक्षा बढ़ाई जाएगी
बस्तर के आइजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को निर्धारित कैटेगिरी के तहत नियमानुसार सुरक्षा दी गई है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। इसके लिए अतिरिक्त जवानों की टीम गठित की जाएगी।
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