छत्तीसगढ़ में किन्नरों ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर कुछ यूं दी अपनी प्रतिक्रिया
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के अधिकांश अधिवक्ताओं द्वारा एडवोकेट्स वेलफेयर फंड के अधिनियम के तहत जारी किए गए टिकट का वकालतनामा में उपयोग नहीं किया जा रहा है। शिकायत मिलने पर स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन प्रभाकर चंदेल ने प्रदेश के कई जिला न्यायालयों में अपनी टीम को भेजकर जांच करवाई थी। जिसके बाद 250 से ज्यादा प्रदेश के जिला न्यायालयों के अधिवक्ताओं को शोकॉज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया।छत्तीसगढ़ विधानसभा सचिवालय सहायक ग्रेड III के लिए एडमिट कार्ड 2019 जारी, ऐसे करें डाउनलोड
स्टेट बार के चेयरमैन प्रभाकर चंदेल का कहना है कि अधिवक्ताओं के वेलफेयर के लिए टिकट जारी किया गया था। उन टिकटों को वकालतनामे में लगाना अनिवार्य है। क्योंकि उससे आने वाली राशि का उपयोग अधिवक्ताओं के वेलफेयर फंड के रूप में इस्तेमाल की जाती है और पिछले डेढ़ सालों से अधिवक्ताओं के द्वारा इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है।सुकमा पुलिस ने लौटाई गुजरात के एक परिवार की खुशियां, पढ़िए भाऊक कर देने वाली सच्ची कहानी
प्रभाकर चंदेल ने बताया कि मामले को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से भी चर्चा की गई है। जिसको लेकर करीब 250 अधिवक्ताओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। जवाब संतोषप्रद नहीं मिलने पर स्टेट बार काउंसिल (State legislative council) उनपर कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा।