थाना से जुडं़ेगे सभी सेलसाइबर थाना से सभी जिलों में बनाए गए साइबर सेल को जोड़ा जाएगा। साथ ही किसी भी तरह का अपराध घटित होने पर उन्हें तुरंत जानकारी दी जाएगी। सेल में तैनात पुलिसकर्मियों को हाईटेक अपराध की जांच करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बताया जाता है कि पीएचक्यू में साइबर थाना की शुरुआत करने के बाद सभी संभागों में इसे खोलने की योजना बनाई गई है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन लगाए जाने के बाद चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले सामने आ रहे है। देशभर में लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट भी जारी किया था।[typography_font:14pt;” >रायपुर . पुलिस मुख्यालय में 15 अगस्त से प्रदेश का पहला साइबर थाना शुरू होगा। राज्य पुलिस के अधिकारी इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। थाने को अंतिम रूप देने के बाद राज्य सरकार के निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ज्वाइंट साइबर इन्वेस्टिगेशन प्लेटफॉर्म तैयार किया है। इसमें बैंक, ऑनलाइन शॉपिंग साइट, इंटरनेट प्रोवाइडर, टेलीकॉम कंपनियां और सभी जांच एजेंसियां जुड़ी रहेगी। किसी भी तरह की ऑनलाइन ठगी होने पर बैंक और इंटरनेट प्रोवाइडर तत्काल जानकारी उपलब्ध कराएंगे।इससे अपराधियों को पकडऩे और मामले की विवेचना करने में आसानी होगी। साथ ही गिरोह का संचालन करने वाले तक पहुंचने में मदद भी मिलेगी। इसके लिए पीएचक्यू में रीजनल साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर तैयार किया गया है। यहां अत्याधुनिक कम्प्यूटर और डाटा एनालिसिस के लिए मशीनें भी लगाई गई हैं। इससे इंटरनेट का आईपी एड्रेस, कमांड सेंटर और ठगी करने वाले के लोकेशन का पता करने में आसानी होगी। वहीं, किसी भी तरह की ऑनलाइन ठगी होने पर रकम के ट्रांजेक्शन को रोकने में भी मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि इस समय साइबर अपराध की जांच जिलों में बनाए गए साइबर सेल द्वारा की जाती है। लेकिन अत्याधुनिक मशीने नहीं होने के कारण अधिकांश मामलोंं की जांच नहीं हो पा रही थी।सेटअप तैयारसाइबर थाना का संचालन करने एक वरिष्ठ उप पुलिस अधीक्षक, एक निरीक्षक, एक सब इस्पेक्टर समेत करीब 5 विशेषज्ञों को नियुक्त किया गया है। यह सभी साइबर अपराध और उसकी विवेचना में दक्ष बताए जाते है। किसी भी तरह की ठगी और धोखाधड़ी व हैकिंग से संबंधित मामलों को सुलझाएंगे।