scriptस्कूल-कॉलेज बंद होने से 70 फीसदी गिरा स्टेशनरी का कारोबार, कर्ज चुकाने के लिए दुकान बेचने की आई नौबत | Stationary business dropped 70 percent due to closure of school | Patrika News

स्कूल-कॉलेज बंद होने से 70 फीसदी गिरा स्टेशनरी का कारोबार, कर्ज चुकाने के लिए दुकान बेचने की आई नौबत

locationरायपुरPublished: Aug 10, 2020 05:38:00 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

अप्रैल,मई और जून स्टेशनरी कारोबार का पीक सीजन होता है। इस सीजन में स्कूल और दुकान बंद होने से जिले के कारोबारियों पर कर्जा चढ़ गया है। कुछ कारोबारी अपना कर्जा चुकाने के लिए अब दुकान बेचने की तैयारी कर रहे है। जिले के कारोबारियों ने सरकार से राहत की गुहार लगाई है।

स्कूल-कॉलेज बंद होने से 70 फीसदी गिरा स्टेशनरी का कारोबार, कर्ज चुकाने के लिए दुकान बेचने की आई नौबत

स्कूल-कॉलेज बंद होने से 70 फीसदी गिरा स्टेशनरी का कारोबार, कर्ज चुकाने के लिए दुकान बेचने की आई नौबत

रायपुर. कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद होने से इसका सीध असर स्टेशनरी कारोबार पर पड़ रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई के कारण जिले के कारोबारियांे को इस सीजन 12 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। अप्रैल,मई और जून स्टेशनरी कारोबार का पीक सीजन होता है। इस सीजन में स्कूल और दुकान बंद होने से जिले के कारोबारियों पर कर्जा चढ़ गया है। कुछ कारोबारी अपना कर्जा चुकाने के लिए अब दुकान बेचने की तैयारी कर रहे है। जिले के कारोबारियों ने सरकार से राहत की गुहार लगाई है। कारोबारियों का कहना है, कि सरकार शासकीय किताबों का वितरण उनके माध्यम से कराए। इस स्थिति में ट्रांसपोर्ट शुल्क विभाग से लेकर अपने परिवार का जीविकोपार्जन कर सकते है।

25 करोड़ का टर्न ओवर

स्टेशनरी कारोबार से जुड़े लोगों की मानें तो जिले मंे स्टेशनरी का हर साल 25 करोड़ से ज्यादा का टर्न ओवर है। स्टेशनरी को बेचने की तैयारी कारोबारियों द्वारा जनवरी माह में शुरू कर दी जाती है। दो किश्तों में स्टेशनरी कारोबार का सीजन आता है। पहला बिक्री अप्रैल माह में होती है। दूसरी बिक्री जून माह में होती है। इन महीनों में लॉकडाउन की वजह से कारोबार नहीं हो पाया। कारोना सक्रमण की वजह से स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी,जिससे वजह से स्टेशनरी की खपत भी नहीं हो रही है।

ये कारोबार हुआ ठप्प

स्कूल बंद होने की वजह से जिले में स्कूल बैग, वाटर बैग, यूनीफार्म, सॉक्स,जूते और बेल्ट आदि का कारोबार बंद है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद पुस्तक और कापियों की बिक्री शुरू हुई है। जिले के कारोबारियों का कहना है, कि सरकार सब की मदद कर रही है,लेकिन स्टेशनरी कारोबारियों को किसी भी तरह की राहत नहीं दी जा रही है। जो कारोबारी हर साल 15 से 20 लाख का कारोबार करते थे,उनका इस सीजन कारोबार 3 से 4 लाख तक ही पहुंचा है।

इस सीजन स्टेशनरी कारोबारी कर्ज से डूबे है। कारोबारी अपना कर्ज चुकाने के लिए दुकान बेचने की तैयारी कर रहे है। हर साल पीक सीजन में 20 से 25 करोड़ का होता था, इस सीजन कारोबार ७० प्रतिशत खत्म हो गया है। सरकार से मदद की आस है, ताकि परिवार का जीविकोपार्जन कर सकें।

दीपक बल्लेवार, अध्यक्ष, रायपुर पुस्तक विक्रेता संघ

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