25 करोड़ का टर्न ओवर
स्टेशनरी कारोबार से जुड़े लोगों की मानें तो जिले मंे स्टेशनरी का हर साल 25 करोड़ से ज्यादा का टर्न ओवर है। स्टेशनरी को बेचने की तैयारी कारोबारियों द्वारा जनवरी माह में शुरू कर दी जाती है। दो किश्तों में स्टेशनरी कारोबार का सीजन आता है। पहला बिक्री अप्रैल माह में होती है। दूसरी बिक्री जून माह में होती है। इन महीनों में लॉकडाउन की वजह से कारोबार नहीं हो पाया। कारोना सक्रमण की वजह से स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी,जिससे वजह से स्टेशनरी की खपत भी नहीं हो रही है।
ये कारोबार हुआ ठप्प
स्कूल बंद होने की वजह से जिले में स्कूल बैग, वाटर बैग, यूनीफार्म, सॉक्स,जूते और बेल्ट आदि का कारोबार बंद है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद पुस्तक और कापियों की बिक्री शुरू हुई है। जिले के कारोबारियों का कहना है, कि सरकार सब की मदद कर रही है,लेकिन स्टेशनरी कारोबारियों को किसी भी तरह की राहत नहीं दी जा रही है। जो कारोबारी हर साल 15 से 20 लाख का कारोबार करते थे,उनका इस सीजन कारोबार 3 से 4 लाख तक ही पहुंचा है।
इस सीजन स्टेशनरी कारोबारी कर्ज से डूबे है। कारोबारी अपना कर्ज चुकाने के लिए दुकान बेचने की तैयारी कर रहे है। हर साल पीक सीजन में 20 से 25 करोड़ का होता था, इस सीजन कारोबार ७० प्रतिशत खत्म हो गया है। सरकार से मदद की आस है, ताकि परिवार का जीविकोपार्जन कर सकें।
दीपक बल्लेवार, अध्यक्ष, रायपुर पुस्तक विक्रेता संघ