scriptदो साल से स्थापना के इंतजार में संत कबीर की प्रतिमा | Statue of Sant Kabir waiting for installation for two years | Patrika News

दो साल से स्थापना के इंतजार में संत कबीर की प्रतिमा

locationरायपुरPublished: May 19, 2022 08:46:13 am

Submitted by:

Dinesh Yadu

– 80 टन वजनी प्रतिमा होने से निमोरा से आरंग तक ले जाने में दिक्कत -एक क्रेन से ले जाने की कोशिश विफल

दो साल से स्थापना के इंतजार में संत कबीर की प्रतिमा

दो साल से स्थापना के इंतजार में संत कबीर की प्रतिमा

दिनेश यदु @ रायपुर. शहर के 22 किलोमीटर दूर निमोरा के पास मैदान में संत कबीर साहब (Sant Kabir Sahib Statue) की करीब 80 टन वजनी 33 फीट प्रतिमा दो साल से स्थापना के इंतजार में रखी है। इसे निमोरा के मूर्तिकार पीलूराम साहू (Nimora sculptor Peeluram Sahu) ने बनाया है। मूर्तिकार पीलूराम साहू ने बताया कि संत कबीर साहब की प्रतिमा आरंग के परसखोल (Aarang In Parskhol) के लिए चार साल पहले निर्माण कार्य शुरू किया था।
इसे पूरा बनाने में दो साल लगे। दरअसल, प्रतिमा का वजन 80 टन के होने के कारण ले जाने में दिक्कत हो रही है। करीब एक वर्ष पहले परसखोल के ग्रामीणों ने दो क्रेन लेकर प्रतिमा को ले जाने आए थे, पर प्रतिमा के ले जाने में विफल रहे। 4 क्रेन की जरूरत साहू ने बताया कि प्रतिमा को ले जाने के लिए करीब 150-150 टन के दो व 14 टन के दो क्रेन की आवश्कता हो सकती है। इसके लिए अभी समिति के लोगों ने चर्चा करने आए थे।
दो साल से स्थापना के इंतजार में संत कबीर की प्रतिमा
IMAGE CREDIT: Dinesh Yadu @ Patrika Raipur
जल्द ही प्रतिमा आरंग के परसखोल में स्थापित की जायेगी।

85 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा आकर्षण का केंद्र

मूर्तिकार पीलूराम साहू ने प्रदेश के कई स्थानों में बड़ी-बड़ी प्रतिमा का निर्माण किया है। उनके द्वारा बनाई गई चंपारण के टीला में स्थापित 85 फीट का हनुमान की प्रतिमा है, जिसे 50 कलाकारों की टीम ने ढाई साल में तैयार किया था। वही नटराज की प्रतिमा लोकरंग अर्जुन्दा (Nataraja Statue Lokrang Arjunda) में 27 कलाकारों द्वारा आठ माह में तैयार किया था। इसके साथ नवा बंजारी धाम में हनुमान, शिव की प्रतिमा का निर्माण किया गया है।
यह भी पढ़ें -15 कारीगरों ने बनाई 30 क्विंटल अष्टधातु की पांच प्रतिमा
यह भी पढ़ें -उपरवारा के 600 घरों में जल्द पहुंचेगा नल से जल
यह भी पढ़ें -मदकू द्धीप में इतिहास के कई रहस्य दबे
यह भी पढ़ें – मोर घर मा शादी अउ मोर वार्ड मा बुता हाबे, तेला येला छोड़ के कैईसे जाहु चंडीगढ़
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो