सकारात्मक सोच
कोरोना से आप डरे नहीं,ये संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है उतनी जल्दी ठीक भी हो रहा है। कोरोना पर काबू पाने के लिए सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों की ओर से तमाम ठोस कदम उठाएं जा रहे हैं। घर में पड़े-पड़े बोरियत महसूस नहीं करें बल्कि आप अपने परिवार को भरपूर समय दें।
नई चीजें सीखें
पॉजिटिव सोच यानी सकारात्मक विचार हर मुश्किल को आसान बना देती है। खुद को आप नई-नई चीजों से जोड़ें। लॉकडाउन पीरियड में आप कुछ नया सीखने की कोशिश करें। आप अपने किचन में नए-नए व्यंजन बनाने की भी कोशिश कर सकते हैं। आपको स्केचिंग, पेंटिंग, डांसिंग, गायकी का शौक रहा हो तो आप इसका अभ्यास कर सकते हैं। अपनी प्रतिभा में निखार ला सकते हैं।
मनोरंजन करें
यूट्यूब पर आप वीडियो देख सकते हैं। सोशल मीडिया का सहारा ले सकते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य
लॉकडाउन से पहले भागदौड़ भरी दिनचर्या से आप बहुत थका हुआ महसूस कर रहे थे। लेकिन लॉकडाउन का यह सकारात्मक पक्ष ही तो है कि आपके पास अपने लिए, और अपनों के लिए भरपूर समय है। खुद को परेशान या हारा हुआ नहीं समझें। मानसिक रूप से तरोताजा रहें।
अच्छी किताबें पढ़ें
हम में से कई ऐसे लोग हैं, जो किताबें पढ़ने के शौकीन होते हैं लेकिन बीजी लाइफ में किताबें पढ़ने का समय नहीं मिल पाता। लॉकडाउन पीरियड ऐसे लोगों के लिए मुफीद समय है। आपको जिस विषय में रुचि है उस विषय की किताबें पढ़ें, वक्त अच्छा गुजरेगा।
योग और मेडिटेशन
यह तो हम सभी जानते हैं कि मेडिटेशन यानी ध्यान हमारे मन-मस्तिष्क को शांत रखता है। यह हमारे गुस्से और तनाव को कंट्रोल करता है। हर दिन सुबह योगासन करना कई तरह की बीमारियों को हमसे दूर रखता है। खासकर शरीर में लचीलापन लाने और दर्द नहीं होने देने के लिए योग बहुत अच्छा माध्यम है।