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हेयर, गॉगल और स्कॉर्फ के मैचिंग कलर पर क्या बोलीं कनाडा की सेज टर्टल, जानिए

locationरायपुरPublished: Jan 28, 2019 01:04:08 pm

Submitted by:

Tabir Hussain

कनाडाई दंपती पहुंचे रायपुर, स्टोरी टेलिंग पर की चर्चा

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हेयर, गॉगल और स्कॉर्फ के मैचिंग कलर पर क्या बोलीं कनाडा की सेज टर्टल, जानिए

ताबीर हुसैन @ रायपुर. ये जरूर है कि डिजिटल दौर है। स्मार्ट फोन का जमाना है। बावजूद स्टोरी टेलिंग की वैल्यू कम नहीं हुई है। लगातार फोन का यूज वैसे भी सेहत के लिए नुकसानदायक है। वर्चुअल दुनिया में रहते हुए आप अकेलेपन का शिकार भी हो सकते हैं। किस्से-कहानियों से वास्ता हर किसी का होना चाहिए। चाहे बच्चे हों या युवा। सभी को कहानियों से जुडऩा चाहिए। इससे आप किसी बात को प्रजेंट करने का तरीका भी सीखते हैं। यह कहना है कनाडाई दंपती टॉड टर्टल और सेज टर्टल का। वे सुमित फाउंडेशन और एनआइसी 36 इंक की ओर से आयोजित पंडरी स्थित मॉल में इंटरेक्शन सीजन में वक्ता तौर पर शामिल हुए। कार्यक्रम के बाद उन्होंने स्टोरी टेलिंग पर पत्रिका से चर्चा की। सेज टर्टल ने अपने हेयर, गॉगल और स्कार्फ के मैचिंग कलर कहा कि आप भले इसे मेरा फैशन मानें लेकिन मैं इसे सिर्फ इसलिए कैरी करती हूं क्योंकि यह मुझे पसंद है। वैसे भी आपकी पहचान फैशन से नहीं बल्कि काम से होती है। कनाडाई दंपती से बातचीत का हिंदी ट्रांसलेट दीप्तेंदू रॉय ने किया।

लाइफ में डेडिकेशन बहुत जरूरी है।
इन दिनों टर्टल दंपती भारत भ्रमण पर हैं। रायपुर की मिताली खोडियार जो एजुकेशन और समाजसेवा के क्षेत्र से जुड़ी हैं। वे टॉड को ऑनलाइन हिंदी सिखा रही हैं। यह दंपती इनसे मिलने रायपुर पहुंची। मिताली के कहने पर वे यूथ से इंटरेक्ट हुए। इस दौरान दंपती ने सुमित फाउंडेशन को 20 हजार रुपए डोनेट भी किया। टॉड ने बताया कि वे एक-दूसरे को जानते नहीं थे। इंटरनेट के माध्यम से मुलाकात हुई। उन्हें एक-दूजे का साथ पसंद आया और एक साथ जिंदगी बिताने का फैसला किया। दोनों साथ में ही क्लासेस लेते हैं। क्लास लेते वक्त दोनों का तालमेल जैसा रहता है ठीक एसा ही उनकी रियल लाइफ में भी। लाइफ में डेडिकेशन बहुत जरूरी है।

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दुनियाभर के युवाओं में सवाल पूछना कॉमन है
एक सवाल के जवाब में दंपती ने बताया, हम दुनियाभर में स्टोरी टेलिंग के अलावा प्रजेंटेशन पर लेक्चरर देते हैं। इस दौरान यूथ में एक कॉमन बात यह होती है कि वे सवाल पूछते हैं। यही उनकी खासियत है। किसी भी फील्ड में आगे बढऩे के लिए प्रश्न पूछने की प्रवृत्ति होनी चाहिए।

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