शराब दुकान के बाद बढ़े मामले
पिछले माह शराब खुलने के बाद अपराधिक घटनाओं में इजाफा हुआ। मोबाइल, पर्स लूट, मारपीट, गुंडागर्दी और शराब पीने के लिए वसूली जैसी शिकायतें थानों में ज्यादा आने लगी। इसकी बड़ी वजह शराब है। अधिकांश अपराधिक प्रवृत्ति के युवक शराब पीने के बाद और आक्रमक हो जाते हैं। इसके बाद मारपीट और गुंडागर्दी करते हैं। थानों में आने वाली शिकायतों का 80 फीसदी हिस्ट्रीशीटरों या गुंडा-बदमाशों की रहती है।
पैरोल में छूट बदमाश भी सक्रिय
राजधानी के ५० से ज्यादा आदतन अपराधी पैरोल में जेल से छूटे हैं। लॉकडाउन के चलते शुरुआत में उनकी गतिविधियां बंद थी। दुकानों को छूट मिलते ही वो भी सक्रिय हो गए। चोरी, नशाखोरी, गांजा तस्करी, जुआ-सट्टा जैसे कार्यों में सक्रिय हो गए हैं। हालांकि धारा १४४ के चलते खुलकर सक्रिय नहीं हो पाए हैं।
अभियान की जरूरत
शहर में कई चौक-चौराहें और एेसे स्थान हैं, जहां शाम होते ही नशेडि़यों और आदतन बदमाशों की अड्डेबाजी शुरू हो जाती है। इन स्थानों में पुलिस की पेट्रोलिंग भी नहीं पहुंच पाती है। अड्डेबाजी करने वालों के खिलाफ पुलिस को बड़े अभियान चलाने की जरूरत है। इसके बाद ही अपराधिक गतिविधियों में नकेल कसी जा सकती है।
गुंडागर्दी-मारपीट के कहां कितने मामले
अभनपुर-22
आजादचौक-2
आरंग-22
आमानाका-3
टिकरापारा-16
सिविल लाइन-12
देवेंद्र नगर-4
डीडी नगर-13
गोलबाजार-2
गंज-5
गुढि़यारी-6
खमतराई-20
माना-5
मौदहापारा-3
मंदिरहसौद-14
पुरानीबस्ती-12
पंडरी-7
कोतवाली-2
राजेंद्र नगर-10
सरस्वतीनगर-6
उरला-15
तेलीबांधा-9
विधानसभा-15
कबीरनगर-5
खम्हारडीह-2
(1 से 31 मई तक मारपीट, वसूली, चाकू दिखाकर डराने के मामले)
लॉकडाउन का पालन कराने, समय पर दुकानें बंद कराने, कंटेनमेंट जोन आदि कार्यों के चलते पुलिस की व्यवस्तता बढ़ गई है। पैरोल में छूटे अपराधियों पर नजर रखी जा रही है। शिकायत मिलते ही कार्रवाई होगी। गुंडागर्दी करने और अड्डेबाजी करने वालों के खिलाफ भी पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। जल्द ही अभियान भी चलाया जाएगा।
-पंकज चंद्रा, एएसपी-शहर, रायपुर