पैरेंट्स का कैसा सपोर्ट रहा?
पैरेंट्स का शुरू से सपोर्ट रहा। फील होने नहीं दिया कि कोई कमी है। सरस्वती शिशु मंदिर से शिक्षा की शुरुआत हुई। कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया। मेरे दिमाग में हमेशा यही आता था कि मुझे ये चाहिए मुझे ये करना है। अगर कोई प्रॉब्लम है तो आगे देखा जाएगा। कभी नेगेटिविटी नहीं आई। हमेशा पॉजिटिविटी रही।
शुरू से टॉपर रहीं?
मैं एवरेज स्टूडेंट रही हूं। टॉपर्स को देखकर लगता था कि हम कुछ नहीं कर पाएंगे। सबको लगता था कि मैं बहुत पढ़ती हूं लेकिन मैं बार-बार इसलिए पढ़ती रही कि भूल न जाऊं। वर्ष 2004 में ग्रेजुएशन के बाद मैं 4 साल घर पर खाली रही। 2008 में पता चला कि मेरे कुछ जूनियर सीए करने रायपुर जा रहे हैं। मैंने पापा से कहा, तो वे कहने लगे कि ठीक है लेकिन पढ़ाई घर पर ही करो। जो लड़की यहां पढ़ा करती थी मैंने उसके नोट्स से पढ़ाई की और सीपीटी क्लियर कर लिया। पापा खुश हो गए और मुझे आइपीसीसी के लिए रायपुर भेजा। यहां आकर मैंने फाइनल क्रेक किया।