रायपुर

फ्रेंड्स से नोट्स लेकर सीपीटी क्लियर किया, अब बन गईं मुंबई इनकम टैक्स असिस्टेंट कमिश्नर

शारीरिक कमजोरी को दनकिनार कर जीत लिया आसमां

रायपुरMay 14, 2018 / 01:25 pm

Tabir Hussain

ताबीर हुसैन @ रायपुर . जब दो साल की उम्र में पोलियो हो गया तो पांच बच्चों के परिवार में पैरेंट्स इनके भविष्य को लेकर थोड़े आशंकित हो गए। मां ने बेटी का हौसला बढ़ाया और हर कदम पर ढाल बनकर खड़ी हो गई। जीवन में मोड़ तब आया जब उन्होंने सीए की परीक्षा फस्र्ट अटेंप में ही क्लियर कर ली। इससे घर वालों के साथ सारिका का भी कॉन्फिडेंट बढ़ा। पहले ही प्रयास में यूपीएससी क्लियर किया। शारीरिक कमजोरी के चलते उन्हें आइएएस के बदले आइआरएस में नियुक्ति मिली। सीए सारिका जैन इन दिनों मुंबई इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में असिस्टेंट कमिश्नर हैं। बीते दिनों उन्हें पचपेड़ी नाका स्थित एक्सल एकेडमी के स्टूडेंट्स को मोटिवेट करने बुलाया गया था। प्रस्तुत है बातचीत के अंश:

पैरेंट्स का कैसा सपोर्ट रहा?
पैरेंट्स का शुरू से सपोर्ट रहा। फील होने नहीं दिया कि कोई कमी है। सरस्वती शिशु मंदिर से शिक्षा की शुरुआत हुई। कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया। मेरे दिमाग में हमेशा यही आता था कि मुझे ये चाहिए मुझे ये करना है। अगर कोई प्रॉब्लम है तो आगे देखा जाएगा। कभी नेगेटिविटी नहीं आई। हमेशा पॉजिटिविटी रही।

शुरू से टॉपर रहीं?
मैं एवरेज स्टूडेंट रही हूं। टॉपर्स को देखकर लगता था कि हम कुछ नहीं कर पाएंगे। सबको लगता था कि मैं बहुत पढ़ती हूं लेकिन मैं बार-बार इसलिए पढ़ती रही कि भूल न जाऊं। वर्ष 2004 में ग्रेजुएशन के बाद मैं 4 साल घर पर खाली रही। 2008 में पता चला कि मेरे कुछ जूनियर सीए करने रायपुर जा रहे हैं। मैंने पापा से कहा, तो वे कहने लगे कि ठीक है लेकिन पढ़ाई घर पर ही करो। जो लड़की यहां पढ़ा करती थी मैंने उसके नोट्स से पढ़ाई की और सीपीटी क्लियर कर लिया। पापा खुश हो गए और मुझे आइपीसीसी के लिए रायपुर भेजा। यहां आकर मैंने फाइनल क्रेक किया।

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