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पपीते की खेती कर अंकित बने सफल किसान दूसरे कृषकों को कर रहे है प्रोत्साहित

locationरायपुरPublished: Sep 29, 2020 07:29:27 pm

Submitted by:

lalit sahu

अंकित ने प्रशासन के कृषकोन्मुखी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि कृषक जानकारी के आभाव में न भटके बल्कि विभाग से सम्पर्क कर शासकीय योजनाओं का भरपूर लाभ लें।

पपीते की खेती कर अंकित बने सफल किसान दूसरे कृषकों को कर रहे है प्रोत्साहित

पपीते की खेती कर अंकित बने सफल किसान दूसरे कृषकों को कर रहे है प्रोत्साहित

रायपुर. कहते हैं जहां चाह वहां राह। राज्य शासन के उद्यानिकी विभाग के सहयोग से बलरामपुर जिले के विकासखण्ड राजपुर के रहने वाले अंकित जायसवाल इस कहावत के पर्याय बन गए हैं। युवा अंकित की यह सफलता चर्चा का विषय बनने के साथ ही क्षेत्रवासियों को प्रोत्साहित भी कर रहे है। अंकित जायसवाल ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अन्तर्गत उद्यान विभाग के सहयोग से परम्परागत फसलों की खेती से इतर वृहद क्षेत्र में पपीतों की खेती की है जिससे उन्हें अच्छी आय प्राप्त हो रही है। अंकित के पिता श्यामलाल भी सफल कृषक हैं तथा अंकित ने उनके पद चिन्हों में चल कर सफलता अर्जित की है। प्रयोगधर्मी एवं प्रगतिशील कृषक के रूप में अंकित की छवि कृषकों को प्रोत्साहित कर रही है। अंकित ने बताया हमारा परिवारिक पेशा खेती-बाड़ी है, पपीते की खेती करने से पहले हम परम्परागत रूप से कृषि कार्य कर रहे थे। कृषि में नवाचार तथा तकनीकी ज्ञान के आभाव में उत्पादन इतना कम था कि परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया था। परिवारिक जिम्मेदारियां बढऩे से परेशानी बढ़ रही थी, भविष्य की चिन्ता ने मुझे कृषि कार्यों के प्रति हतोत्साहित किया था। किन्तु जब उद्यानिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत पपीते के खेती की जानकारी तथा जरूरी सहयोग प्रदान करने की बात कही गई तब मैने पपीते की खेती करने का निर्णय लिया। अंकित आगे बताते हैं कि उद्यान विभाग ने पपीते के पौधे उपलब्ध कराए जिसे मैनें आधे एकड़ भूमि में लगाए तथा इसकी लागत लगभग 5 हजार रुपए थी। बात करते हुए अंकित के चेहरे की मुस्कान बता रही थी कि पपीते की अच्छी पैदावार ने उन्हें हौसला दिया है तथा उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। अंकित को अब तक 15 हजार की बचत हो चुकी है तथा पपीते की खेती उनके फायदे का सौदा बन गई है। अंकित ने कहा कि उद्यानिकी फसलों से जुड़ेे खेती में असीम संभावनाएं हैं, कृषकों को उद्यानिकी फसलों की खेती को अपनाना चाहिए। अंकित ने प्रशासन के कृषकोन्मुखी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि कृषक जानकारी के आभाव में न भटके बल्कि विभाग से सम्पर्क कर शासकीय योजनाओं का भरपूर लाभ लें।
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