scriptगर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु का होगा निशुल्क इलाज, जानिए कैसे लें सुमन योजना का लाभ | Suman Yojana: Free treatment to Pregnant women and newborn child | Patrika News

गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु का होगा निशुल्क इलाज, जानिए कैसे लें सुमन योजना का लाभ

locationरायपुरPublished: May 22, 2022 04:13:22 pm

Submitted by:

CG Desk

Suman Yojana Free treatment to Pregnant women and newborn child: सुमन योजना 2022 के तहत गर्भवती महिलाओं का सारा खर्च उठाएगी सरकार। जानिए योजना से जुड़ी सुविधाएं, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया की सारी जानकारी।

suman_yojna.jpg

Suman Yojana: रायपुर. सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना को भारत के पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह द्वारा 10 अक्टूबर 2019 को नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद (Central Council of Health and Family Welfare) के 13 वें सम्मेलन के दौरान शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है ताकि गर्भवती महिलाओं और बच्चों में मृत्यु दर को कम किया जा सके।

इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) को जन्म के 6 माह बाद तक निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी और बीमार नवजात शिशुओं का भी निःशुल्क इलाज किया जाएगा। इस योजना से मिलने वाले लाभ, सुविधाएं, पात्रता और प्रक्रिया का विवरण निम्नानुसार है।

15 निःशुल्क सुविधाएं

1. शून्य खुराक टीकाकरण (ज़ीरो डोस वैक्सीनेशन)
2. मातृ जटिलताओं की मुफ्त पहचान और मैनेजमेंट
3. डिलीवरी का समय आने पर अस्पताल ले जाने के लिए मुफ्त परिवहन
4. प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की देखरेख में डिलीवरी
5. बच्चे का जन्म पंजीकरण प्रमाणपत्र
6. बीमार नवजात शिशुओं का इलाज
7. सुरक्षित मातृत्व पुस्तिका और माँ और बच्चे के लिए सुरक्षा कार्ड
8. डिलीवरी के बाद अस्पताल से घर लेकर जाने के लिए मुफ्त परिवहन
9. स्तनपान के लिए प्रारंभिक दीक्षा और समर्थन
10. विभिन्न योजनाओं के तहत शर्तों पर नकद ट्रांसफर और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर
11. मां से बच्चे में एचआईवी (HIV) , एचबीवी (HBV) और सिफलिस के संचरण का उन्मूलन (एलिमिनेशन)
12. कम से कम 4 एंटीनेटल केयर (ANC) चेकअप माँ के सामान्य स्वास्थ्य का आकलन करने में मदद करने के लिए और कम से कम 6 होम बेस्ड न्यू बोर्न केयर (HBNC) विज़िट जिसमें मितानिन मां की अस्पताल से छुट्टी के 24 घंटे के भीतर प्रथम होम विजिट करतीं हैं‌
13. पोस्टपार्टम फैमिली प्लैनिंग बच्चे के जन्म के बाद पहले बारह महीनों के दौरान अनपेक्षित और निकटवर्ती गर्भधारण को रोकने के लिए
14. सुरक्षित मातृत्व के लिए परामर्श और आईईसी (इंफॉर्मेशन एजुकेशन कम्युनिकेशन) /बीसीसी (बिहेवियर चेंज कम्युनिकेशन)
15. शिकायतों का समय पर निवारण

यह भी पढ़ें: किसान ले रहे ऑपरेशन ग्रीन का भरपूर लाभ, सरकार दे रही 50 प्रतिशत की सब्सिडी

अन्य सुविधाएं
इस योजना के तहत मां और बच्चे को कुछ अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं जैसे कि प्रसव पूर्व जांच, नवजात शिशु की जांच के लिए विजिट, आईरन की खुराक (आईरन सप्लीमेंट्स), आपात स्थिति के मामले में सुनिश्चित रेफरल सेवाएं आदि। इसके अलावा गर्भवती महिला को कोप्लिकेशन होने पर शून्य व्यय पर सी-सेक्शन‌ (सर्जिकल प्रक्रिया) सुविधा का लाभ मिल सकेगा।

आवेदन करने के लिए पात्रता और आवश्यक दस्तावेज
1. आवेदक महिला भारत की निवासी होनी चाहिए
2. केवल निम्न आय वर्ग की श्रेणी में आने वाले परिवार ही आवेदन कर सकते हैं
3. आधार कार्ड
4. निवास प्रमाण पत्र
5. राशन कार्ड
6. बैंक खाता विवरण (बैंक अकाउंट स्टेटमेंट)
7. आय प्रमाण पत्र
8. पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
9. मोबाइल नंबर

5 स्टेप्स में आवेदन करने की प्रक्रिया

1. सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाए (https://pmsma.nhp.gov.in/?lang=hi) जिसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होमपेज आएगा
2. ‘अप्लाई नाउ’ (Apply Now) बटन पर क्लिक करें
3. आवेदन पत्र खुलेगा, अब सभी महत्वपूर्ण विवरण भरें (जैसे नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, पता आदि)
4. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें (ऊपर उल्लिखित दस्तावेज)
5. ‘सबमिट’ (Submit) बटन पर क्लिक करें

शिकायत के मामले में, आधिकारिक वेबसाइट पर भी शिकायत ऑनलाइन दर्ज की जा सकती है। किसी भी अन्य पूछताछ के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800 180 1104 पर संपर्क किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: बिना टैक्स के 100% रिटर्न्स वाली सरकारी स्कीम जो आपको बना सकता है करोड़पति

भारत देश में MMR और IMR की स्थिति
भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा 14 मार्च, 2022 को जारी मैटरनल मोर्टालिटी रेट (MMR) पर विशेष बुलेटिन के अनुसार भारत में MMR 2017-18 में 113 से 2017-19 में सुधरकर 103 हो गया है। लेकिन दुख की बात है कि पिछले दो दशकों में अनुमानित 13 लाख भारतीय महिलाओं की मृत्यु मातृ कारणों से हुई है। हालांकि मातृ मृत्यु दर में कुल मिलाकर 70% की गिरावट आई है, लेकिन गरीब राज्य अब भी स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं में पिछड़े हुए हैं। गर्भवती महिलाओं में पीपीएच मृत्यु का एक प्रमुख कारण होने के कारण है। भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के अनुसार, सभी मातृ मृत्यु का 35 प्रतिशत पीपीएच है। इसके अलावा इन्फेंट मोर्टालिटी रेट (IMR) में भी देश में गिरावट आई है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो