हाईकोर्ट ने भी कर दी थी ख़ारिज
सप्रीम कोर्ट से पहले इस अविश्वास प्रस्ताव की याचिका को बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीबी राधाकृष्णन की युगलपीठ ने चलने योग्य नहीं मानते हुए खारिज कर दिया था। इस याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। शासन की ओर से दिए जवाब में कोर्ट को बताया गया कि जिस विधानसभा सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, वह सत्र समाप्त हो चुका था, लिहाजा याचिका का कोई औचित्य नहीं रह जाता। मामले की सुनवाई के दौरान सीजे टीबी राधाकृष्णन की युगलपीठ ने शासन द्वारा दिए जवाब के बाद याचिका को चलने योग्य नहीं मानते हुए खारिज कर दिया।
सप्रीम कोर्ट से पहले इस अविश्वास प्रस्ताव की याचिका को बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीबी राधाकृष्णन की युगलपीठ ने चलने योग्य नहीं मानते हुए खारिज कर दिया था। इस याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। शासन की ओर से दिए जवाब में कोर्ट को बताया गया कि जिस विधानसभा सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, वह सत्र समाप्त हो चुका था, लिहाजा याचिका का कोई औचित्य नहीं रह जाता। मामले की सुनवाई के दौरान सीजे टीबी राधाकृष्णन की युगलपीठ ने शासन द्वारा दिए जवाब के बाद याचिका को चलने योग्य नहीं मानते हुए खारिज कर दिया।
यह है मामला
कांग्रेस ने 21 जुलाई 2014 को विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। दूसरे दिन २२ जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि नियमों के मुताबिक 14 दिन पहले प्रस्ताव लाया जाना था। मामले में विधानसभा अध्यक्ष का कहना था कि नियमानुसार भूपेश बघेल को 15 दिन पहले अविश्वास प्रस्ताव की सूचना देनी थी। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि विधानसभा की कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर नहीं की जा सकती।
कांग्रेस ने 21 जुलाई 2014 को विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। दूसरे दिन २२ जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि नियमों के मुताबिक 14 दिन पहले प्रस्ताव लाया जाना था। मामले में विधानसभा अध्यक्ष का कहना था कि नियमानुसार भूपेश बघेल को 15 दिन पहले अविश्वास प्रस्ताव की सूचना देनी थी। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि विधानसभा की कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर नहीं की जा सकती।