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बड़ा खुलासा: आलीशान होटल और कालोनी में निलंबित एडीजी जीपी सिंह ने किया करोड़ों का निवेश

locationरायपुरPublished: Jan 16, 2022 12:07:10 am

Submitted by:

Ashish Gupta

निलंबित एडीजी जीपी सिंह (Suspended ADG GP Singh) द्वारा रायपुर के वीआईपी रोड के एक ऑलीशान होटल और पुराना धमतरी रोड स्थित एक बड़ी कॉलोनी में करोड़ों रुपए का निवेश करने की जानकारी मिली है।

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बड़ा खुलासा: आलीशान होटल और कालोनी में निलंबित एडीजी जीपी सिंह ने किया करोड़ों का निवेश

रायपुर. निलंबित एडीजी जीपी सिंह (Suspended ADG GP Singh) द्वारा रायपुर के वीआईपी रोड के एक ऑलीशान होटल और पुराना धमतरी रोड स्थित एक बड़ी कॉलोनी में करोड़ों रुपए का निवेश करने की जानकारी मिली है। यह राशि भयादोहन कर अर्जित की गई थी। वहीं 25 विभिन्न बैंकों में करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन किया गया है। जबकि जीपी के एसपी बनने के बाद वर्ष 2002 के बाद से उनकी आय 1 करोड़ 88 लाख रुपए थी। जबकि तलाशी के दौरान दस्तावेजों की जांच करने पर 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति मिली है।
यह उनकी कुल वेतन से मिली आय से करीब 15 गुना से अधिक है। इन सभी का हिसाब पूछताछ के दौरान दूसरे दिन शुक्रवार को जीपी से मांगा गया। लेकिन, उन्होंने इन सभी से किसी भी तरह का लेनदेन नहीं होने की बात कही। साथ ही कहा कि जिन चल-अचल संपत्तियों को उनकी बताकर फंसाया जा रहा है वह किसकी है नहीं मालूम। पिता और रिश्तेदारों के साथ ही पैतृक संपत्तियों का वर्तमान कीमत से कई गुना ज्यादा मूल्यांकन कर उनकी बताया जा रहा है। जबकि वह इन सभी के संबंध में कुछ जानते ही नहीं है।

एचयूएफ खाते के अकेले वारिस
बैंक में संयुक्त हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) का खाता खुलवाया गया है। नियमानुसार इसके संचालन के सारे अधिकार परिवार के मुखिया को मिलने चाहिए थे। लेकिन, जीपी सिंह एचयूएफ खाते के प्रमुख है। बताया जाता है कि इंकम टैक्स बचाने के लिए इसे खोला गया था। साथ ही माता-पिता और भाइयों के नाम से जीपी खुद करोड़ रुपए जमा कराते थे।

वही दूसरी तरह एचयूएफ खाता के जरिए टैक्स चोरी की जा रही थी। बता दें कि एचयूएफ के नाम एक बैंक खाता खुलवाना होता है। इसके लिए एक डीड लगानी होती है, जिसमें उल्लेख करना होता है कि कौन क्या-क्या होगा। यह खाता परिवार के मुखिया (कर्ता) के नाम होता है, लेकिन उसके नाम के बाद एचयूएफ शब्द जुड़ा होता है। उसके पास सारे अधिकार होते है।

पूछताछ में सहयोग नहीं
एसीबी तथा ईओडब्ल्यू चीफ शेख आरिफ हुसैन ने बताया कि जीपी सिंह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे है। जबकि कोर्ट को गुमराह करने के लिए जांच में सहयोग करने और हर सवाल का जवाब देने की बात कहते है। अगर पूछताछ में सहयोग करते तो उन्हें अतिरिक्त चार दिन की पीआर लेने की जरूरत ही नहीं पड़ती। अतिरिक्त रिमांड अवधि मिलने पर सारे अनसुलझे हुए सवालों के संबंध में पूछताछ की जाएगी।

मनीलांड्रिंग के जरिए रकम का ट्रांजेक्शन
जीपी सिंह अवैध रूप से अर्जित राशि मनीलांड्रिंग के जरिए ट्रांसफर करते है। जांच के दौरान इसके पुख्ता दस्तावेज मिले है। इसके संबंध में पूछताछ की जा रही है। लेकिन, वह इसे नकार रहे हैं। उनका कहना है कि उनके भाइयों और पिता अपना अलग कारोबार करते है। अपने आय से खरीदे हुए वाहन, प्रापर्टी और बैंक बैलेंस को ईओडब्ल्यू उनका बता रही है।

दो करोड़ कैश व 2 किलो सोना किसका, नहीं मालूम
जीपी के करीबी लोगों के घरों से बरामद 2 किलो सोना और करीब 2 करोड़ रुपए नगद मिले थे। पूछताछ में उनके करीबी लोगों ने छापेमारी के एक दिन पहले ही जीपी द्वारा रखवाने की जानकारी ईओडब्ल्यू को बताई थी। लेकिन, जीपी इसे अपना कहने से इंकार कर रहे है। पूछताछ के दौरान इसके संबंध में भी अनभिज्ञता जता रहे हैं।

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