एचयूएफ खाते के अकेले वारिस
बैंक में संयुक्त हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) का खाता खुलवाया गया है। नियमानुसार इसके संचालन के सारे अधिकार परिवार के मुखिया को मिलने चाहिए थे। लेकिन, जीपी सिंह एचयूएफ खाते के प्रमुख है। बताया जाता है कि इंकम टैक्स बचाने के लिए इसे खोला गया था। साथ ही माता-पिता और भाइयों के नाम से जीपी खुद करोड़ रुपए जमा कराते थे।
पूछताछ में सहयोग नहीं
एसीबी तथा ईओडब्ल्यू चीफ शेख आरिफ हुसैन ने बताया कि जीपी सिंह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे है। जबकि कोर्ट को गुमराह करने के लिए जांच में सहयोग करने और हर सवाल का जवाब देने की बात कहते है। अगर पूछताछ में सहयोग करते तो उन्हें अतिरिक्त चार दिन की पीआर लेने की जरूरत ही नहीं पड़ती। अतिरिक्त रिमांड अवधि मिलने पर सारे अनसुलझे हुए सवालों के संबंध में पूछताछ की जाएगी।
मनीलांड्रिंग के जरिए रकम का ट्रांजेक्शन
जीपी सिंह अवैध रूप से अर्जित राशि मनीलांड्रिंग के जरिए ट्रांसफर करते है। जांच के दौरान इसके पुख्ता दस्तावेज मिले है। इसके संबंध में पूछताछ की जा रही है। लेकिन, वह इसे नकार रहे हैं। उनका कहना है कि उनके भाइयों और पिता अपना अलग कारोबार करते है। अपने आय से खरीदे हुए वाहन, प्रापर्टी और बैंक बैलेंस को ईओडब्ल्यू उनका बता रही है।
दो करोड़ कैश व 2 किलो सोना किसका, नहीं मालूम
जीपी के करीबी लोगों के घरों से बरामद 2 किलो सोना और करीब 2 करोड़ रुपए नगद मिले थे। पूछताछ में उनके करीबी लोगों ने छापेमारी के एक दिन पहले ही जीपी द्वारा रखवाने की जानकारी ईओडब्ल्यू को बताई थी। लेकिन, जीपी इसे अपना कहने से इंकार कर रहे है। पूछताछ के दौरान इसके संबंध में भी अनभिज्ञता जता रहे हैं।