कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आवेदन को खारिज कर दिया। बता दें कि राजेश नायर के खिलाफ गृह निर्माण मंडल के ही संपदा अधिकारी मोहम्मद सिराजुद्दीन ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें 10 लाख रुपए अवैध रुप से मांगने और नहीं देने पर मारपीट करने और धमकी देने का आरोप लगाया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए गृहनिर्माण मंडल (Chhattisgarh Housing Board)ने नायर को निलंबित कर दिया था। वहीं पुलिस ने आरोपी राजेश नायर को गिरफ्तार करने के बाद न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा था। तब निलंबित पीआरओ ने अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जिसे 6 फरवरी को सीजीएम भूपेंद्र वासनीकर ने खारिज कर दिया था।