जब हम बाजार में सोने के गहने लेने पहुंचते हैं तो इस पर सोने की कीमत के अलावा मेकिंग चार्ज व जीएसटी भी लगता है। ज्वेलरी की डिजाइन के हिसाब से मेकिंग चार्ज लगता है। जैसी डिजाइन वैसा मजदूरी चार्ज। अगर ज्वेलरी बारीक और जड़ाऊ है तो उस पर ज्यादा मजदूरी लगता है। ब्रांडेड ज्वेलर्स का मजदूरी चार्ज सबसे ज्यादा होता है। मेकिंग चार्ज प्रति ग्राम के हिसाब से लगता है और यह 3 फीसदी से लेकर 25 फीसदी हो सकता है। ज्वेलरी में वेस्टेज चार्ज 2 से 5 फीसदी तक होता है।
यदि आप ज्वेलरी खरीदने जा रहे हैं तो इस बात का ख्याल रखिए कि हॉलमार्क वाली ज्वेलरी ही लें। दोबारा बेचते समय बिना हॉलमार्क वाली ज्वेलरी का सही दाम मिलना मुश्किल हो सकता है। लेकिन बिक्री के समय हॉलमार्क वाली ज्वेलरी का मूल्य मौजूदा बाजार भाव पर तय होती है। इसलिए हॉलमार्क सर्टिफिकेट वाली ज्वेलरी ही खरीदना चाहिए।
सामान्तय: ज्वेलर्स 22 कैरेट यानी 91.6 फीसदी शुद्धता वाली सोना ज्वेलरी की बिक्री करता है। 22 कैरेट वाली ज्वैलरी पर 915 हॉलमार्क का चिह्न अंकित रहता है। 18 कैरेट की ज्वेलरी का सोना 75 फीसदी शुद्ध होता है।
यदि आप ज्वेलरी खरीदने जा रहे हैं तो इस बात का ख्याल रखिए कि हॉलमार्क वाली ज्वेलरी ही लें। दोबारा बेचते समय बिना हॉलमार्क वाली ज्वेलरी का सही दाम मिलना मुश्किल हो सकता है। लेकिन बिक्री के समय हॉलमार्क वाली ज्वेलरी का मूल्य मौजूदा बाजार भाव पर तय होती है। इसलिए हॉलमार्क सर्टिफिकेट वाली ज्वेलरी ही खरीदना चाहिए।
सामान्तय: ज्वेलर्स 22 कैरेट यानी 91.6 फीसदी शुद्धता वाली सोना ज्वेलरी की बिक्री करता है। 22 कैरेट वाली ज्वैलरी पर 915 हॉलमार्क का चिह्न अंकित रहता है। 18 कैरेट की ज्वेलरी का सोना 75 फीसदी शुद्ध होता है।
गहना खरीदें तो बिल जरूर लें
अगर सोना या चांदी की ज्वेलरी खरीद रहे हैं तो ज्वेलर्स से उसका पक्का बिल जरूर मांगे। इस बिल में आपकी सोने की शुद्धता और रेट आदि की जानकारी दी रहती है। अगर आपके पास बिल है तो सोना-चांदी वापस बेचते समय मोलभाव कर सकते हैं। अगर बिल नहीं रहता है तो ज्वेलर्स आपसे मनमाने भाव पर सोना खरीद सकता है।