एस्टीमेट-ड्राइंग-डिजाइन पास, कोरोना का बड़ा तर्कटाटीबंध चौक में फलाईओवर बनाने के लिए एस्टीमेट, ड्राइंग-डिजाइन सब स्वीकृत हो चुका है। 15 अक्टूबर 2018 से जल्द निर्माण शुरू कराने की दुहाई राष्ट्रीय राजमार्ग के क्षेत्रीय अधिकारी दे रहे हैं। फलाईओवर के पिलर्स के लिए मिट्टी परीक्षण कराने से आगे कोई काम शुरू नहीं हुआ। अक हाइवे के क्षेत्रीय अधिकारी कोरोना संकट की दुहाई देकर ठेकेदार द्वारा निर्माण शुरू नहीं करने का तर्क दिया जा रहा है। अब बारिश शुरू हो जाने का भी उन्हें बड़ा बहाना मिल गया है।[typography_font:14pt;” >रायपुर. राजधानी के टाटीबंध चौक में लगातार हो रहे हादसों के कारण लोगों की जानें जा रही हैं और जिम्मेदार हैं कि केवल हादसे रोकने का प्लान बनाकर बैठे हुए हैं। दैत्याकार ट्रकों की मनमानी और रांग साइड आवाजाही से चौक पर हादसे रुक नहीं । ट्रैफिक पुलिस चौकी होने के बाद भी चौक के तीनों तरफ की मुख्य रोड की सर्विस रोड पर ट्रक वालों ने स्थायी तौर पर स्टैंड बना रखे हैं, यही हादसे की सबसे बड़ी वजह भी है। जिम्मेदार सर्विस रोड को मुक्त कराने के बजाय जब कभी चालाना का रिकॉर्ड बनाना होता है, तभी उनकी नींद खुलती है। जानलेवा टाटीबंध चौक में दो दिन पहले ही फिर दर्दनाक हादसा हुआ और घटना स्थल पर दो लोगों की जान चली गई। पुलिस ने यही देखा कि ट्रकों के रांग साइड आवाजाही और सर्विस रोड को स्टैंड बना लेने के कारण ही छोटे वाहन चालक दैत्याकार ट्रकों की पहिए तले कुचल रहे हैं। इससे पहले भी कई दर्दनाक हादसों के कारण टाटीबंध चौक खून से लाल हो चुका है। फिर भी जिम्मेदारों की रूह नहीं कांप रही है। 90 करोड़ रुपए का फलाईओवर निर्माण कराने का प्लान फाइलों में ही धूल खा रहा है। पिछले एक साल से ठेकेदार से एग्रीमेंट करके राष्ट्रीय राजमार्ग के क्षेत्रीय अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। ऊहापोह में महीना-दर-महीना आगे खिसका रहे हैं। तीनों मुख्य रोड के किनारे दैत्याकार ट्रकों की लाइनें टाटीबंध चौक से एक रोड सरोना तरफ और भिलाई-दुर्ग की तरफ जाती है। दूसरी रिंग रोड चौक से हीरापुर होते हुए भनपुरी की राष्ट्रीय राजमार्ग में लगती हैं। हमेशा दैत्याकार ट्रकों की आवाजाही के बीच हर दिन दो से ढा़ई लाख वाहनों का ट्रैफिक होता है। शहर के बीच रिंग रोड की इन प्रमुख सड़कों की सर्विस रोड ट्रक वालों के कब्जे में हैं। लोडिंग और खाली ट्रक हमेशा खड़े रहते हैं। यह सब ट्रैफिक पुलिस को नहीं दिखता। हादसा होने पर एक्सीडेंट का प्रकरण दर्ज करने में ही फुर्ती दिखती है। नेशनल हाइवे के क्षेत्रीय अधिकारी बीएन मीणा का कहना है कि टाटीबंध चौक में फलाईओवर बनाने के लिए सभी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कोरोना संकट के कारण ही मार्च-अप्रैल में निर्माण शुरू नहीं हो सका। हादसा रोकने के उद्देश्य से ही इस चौक पर ब्रिज का प्लान फाइनल हुआ है। डीएसपी, ट्रैफिक सतीश सिंह ठाकुर का कहना है कि रिंग रोड पर ट्रकों के अवैध पार्र्किंग को लेकर अभियान चलाया जाता है। तेज-रफ्तार और रांग साइड के कारण ही चौक में हादसा होता है। सर्विस रोड से ट्रकों को हटाने के लिए फिर से अभियान चलाएंगे।