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प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में घंटी बजते ही शिक्षक और बच्चे साथ पी रहे पानी

locationरायपुरPublished: Feb 19, 2020 01:51:37 am

Submitted by:

AJAY SINGH

नवाचार: बच्चों को कम पानी पीने से होने वाली बीमारियों से बचाने शिक्षा विभाग की अनूठी पहल

प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में घंटी बजते ही शिक्षक और बच्चे  साथ पी रहे पानी

प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में घंटी बजते ही शिक्षक और बच्चे साथ पी रहे पानी

खिलेंद्र नामदेव

खैरागढ़. स्कूली बच्चों में पर्याप्त पानी पीने की क्षमता को विकसित करने के साथ पानी की कमी से होने वाली शारारिक परेशानियों से बच्चों को बचाने खैरागढ़ शिक्षा विभाग द्वारा नवाचार के तहत ब्लाक के प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में अनूठा प्रयोग किया जा रहा है। प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के बच्चों में पानी की क्षमता और समय पर पीने के पानी का वास्तविक खुराक लेने स्कूलों में होने वाले लघु अवकाश के दौरान एक साथ शिक्षक और छात्रों को पानी पीने का नवाचार किया जा रहा है। पहले चरण में इस नवाचार के तहत इसकी शुरूआत सोमवार से बुधवार तक की गई है।
पहले तीन दिन में स्कूल के सभी बच्चों को इसमें शामिल करने और इसके बाद इसे अपने सार्वजनिक व्यवहार में शामिल करने शिक्षा विभाग सहित स्कूल के शिक्षक जुटे हैं। स्कूलों में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर बच्चों को पानी की कमी से होने वाली परेशानियों और बिमारियों से रोकने इस तरह की पहल ब्लॉक के स्कूलों में विभाग ने प्रायोगिक और नवाचार के तौर पर शुरू किया है।

नवाचार के तहत पर्याप्त क्षमता का उपयोग किया जा रहा है
ब्लॉक के 225 प्राथमिक और 97 माध्यमिक शालाओं में सोमवार को इसकी शुरूआत की गई। प्राथमिक स्तर पर स्कूलों में लगभग 3417 बच्चें और माध्यमिक शालाओं में 3337 बच्चें अध्ययनरत है। सोमवार को इस नवाचार के तहत माध्यमिक स्तर पर 2670 और प्राथमिक स्तर पर 2734 बच्चों ने इस नवाचार के तहत पानी की पर्याप्त क्षमता का उपयोग किया। पहले दिन माशा में 368 और प्राशा में 576 शिक्षकों ने भी इस नवाचार को दोहराया। दूसरे दिन मंगलवार को इस नवाचार में बच्चों के साथ शिक्षकों की संख्या और बढ़ गई। बुधवार को इस नवाचार के पहले चरण का समापन होगा।

लघु अवकाश के दौरान बजती है घंटी, सफल हो रहा अभियान
स्कूलों में एक साथ बच्चों को पानी पीने के लिए प्रेरित करनें और पानी पीने का समय निर्धारित किया गया है। स्कूल लगनें के बाद पहले लघु अवकाश के दौरान स्वच्छ पेयजल की घंटी बजाई जा रही है। घंटी बजने के दौरान सभी स्कूली बच्चे और शिक्षक कक्षा में ही एक साथ अपनें साथ लाए स्वच्छ पेयजल पीकर अभियान को सफल बना रहे है। एक साथ एक ही समय पर पानी पीने की परंपरा को अभियान के बाद व्यवहार में लानें का प्रयास किया जाएगा। पहले और दूसरें दिन ब्लाक स्तर पर सभी स्कूलों में इसका नवाचार किया गया। बुधवार को सभी बच्चों को इसमें शामिल करने का प्रयास किया गया।

पेयजल से मानसिक विकास बताने का हो रहा प्रयास
शिक्षा विभाग पानी की कमी से होने वाले बिमारियों से बच्चें सबसे ज्यादा ग्रसित होते है। टीओआई और युनाईटेड नेशन की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के बच्चें स्कूल और घर में पानी का सेवन कम करते है। पानी की कमी के कारण शरीर में कई प्रकार के रोग पथरी, सिरदर्द, संक्रमण जैसी बीमारियां शामिल है। इसको लेकर ब्लाक शिक्षाविभाग ने सभी संकुल समन्वयकों संकुल प्रभारियों के साथ नवाचारी शिक्षको से चर्चा की जिसके बाद बच्चों को स्वच्छ पेयजल पीने के लिए प्रेरित करने इसके फायदे और बचाव को बताने के साथ बच्चों के परिवारों और लोगों को जागरूक करने, स्वच्छ पेयजल से शारारिक और मानसिक विकास के महत्व को बताने तीन दिनी अभियान की शुरूआत सोमवार से सभी शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक शालाओ में की गई। इसमें शाला शिक्षकों ने भी शामिल होकर बच्चों को इसकी महत्ता बताई।

खैरागढ़ खंड स्त्रोत समन्वयक भगत सिंह ठाकुर ने बताया कि बच्चों में पर्याप्त पानी पीने की क्षमता लाने बिमारियों से बचाव के लिए नवाचारी शिक्षकों और संकुल समन्वयको, प्रभारियों से इस नवाचार पर चर्चा के बाद इसे लागु करने का प्रयास किया गया। बच्चों के विकास के लिए इसे जागरूकता अभियान बनाकर इसे व्यवहार में शामिल करानें का प्रयास किया जा रहा है।
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