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छात्रों का आकलन करने में शिक्षक निकले फिसड्डी, हर महीने रिपोर्ट करनी है तैयार

locationरायपुरPublished: Nov 27, 2020 05:52:39 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

विभागीय अधिकारियों के इस निर्देश का पालन शत प्रतिशत जिले में नहीं हो रहा है। शिक्षकों को हर माह छात्रों का आकलन करना है, उसके बाद भी वे समय पर रिपोर्ट तैयार करके विभागीय अधिकारियों को नहीं दे पा रहे हैं। शिक्षकों की इस लापरवाही से विभागीय अधिकारियों को छात्रों का फीडबैक नहीं मिल रहा है।

रायपुर. स्कूल शिक्षा विभाग की ऑनलाइन क्लास में छात्रों को कितना सिलेबस समझ आ रहा है? छात्रों को अच्छी शिक्षा दी जा सके, इसके और क्या विकल्प हो सकते हैं? इस बात की जानकारी छात्रों से लेने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शिक्षकों को हर माह छात्रों की आकलन रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया था।

विभागीय अधिकारियों के इस निर्देश का पालन शत प्रतिशत जिले में नहीं हो रहा है। शिक्षकों को हर माह छात्रों का आकलन करना है, उसके बाद भी वे समय पर रिपोर्ट तैयार करके विभागीय अधिकारियों को नहीं दे पा रहे हैं। शिक्षकों की इस लापरवाही से विभागीय अधिकारियों को छात्रों का फीडबैक नहीं मिल रहा है।

फीड बैक के अभाव में व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो रही है और पढ़ाई का स्तर गिर रहा है। ऑनलाइन क्लास में छात्रों को कितना समझ आ रहा है? इस बात की जानकारी विभागीय अधिकारियों को नहीं है। शिक्षक ऑनलाइन आकलन कर रहे है, लेकिन उसमें स्थिति स्पष्ट समझ नहीं आ रही है।

आकलन के नाम पर खानापूर्ति

जिले के शिक्षक और व्याख्याता आकलन करने के नाम पर खानापूर्ति कर रहे है। हर माह 20 तारीख तक आकलन रिपोर्ट शिक्षकों को सबमिट करनी होती है। स्पष्ट निर्देश के बावजूद अब तक शत प्रतिशत रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय नहीं पहुंच पाई है। जिम्मेदार अधिकारियों की मानें तो अभी तक केवल 60 प्रतिशत रिपोर्ट सबमिट हुई है, शेष जल्द जमा करवाने के लिए निर्देश दिया जाएगा।

आकलन से पता चलता है शिक्षा का स्तर

कोरोना काल में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रयोग का पूरे एशिया में तारीफ हो रही है। छत्तीसगढ़ की मॉडल पर छात्रों को शिक्षाा मिल सके, इसलिए दूसरे राज्यों ने प्रदेश का दौरा किया और विभागीय अधिकारियों से छात्रों को शिक्षित करने का पैटर्न भी सीखा है। स्कूल शिक्षा विभाग के इन प्रयासों पर विभाग के कुछ शिक्षक लापरवाही बरतकर पानी फेर रहे है। छात्रों का हर माह आकलन इसलिए कराया जा रहा है, ताकि उनकी शिक्षा का स्तर विभागीय अधिकारियों को पता चल सके, लेकिन राजधानी में आकलन करने में लापरवाही बरती जा रही है।

ग्रामीण इलाकों की नहीं आई रिपोर्ट

विभागीय अधिकारियों की मानें तो शहरी इलाको में पदस्थ शिक्षकों ने आकलन रिपोर्ट सबमिट कर दी है, लेकिन ग्रामीण इलाकों से अब तक आकलन रिपोर्ट कार्यालय में नहीं पहुंची है। पिछले माह •ाी 92 प्रतिशत छात्रों की आकलन रिपोर्ट अधिकारियों के पास पहुंची थी। आकलन रिपोर्ट जल्द सबमिट हो, इसलिए ब्लाक स्तर पर मॉनीटरिंग की तैयारी करने की जिम्मेदार कर रहे हैं।

छात्रों की आकलन रिपोर्ट हर माह शिक्षकों को कार्यालय में सबमिट करनी है। पिछले माह 92 प्रतिशत रिपोर्ट जमा हुई थी। इस माह की रिपोर्ट जमा होने की प्रक्रिया जारी है। जिन स्कूलों से रिपोर्ट नहीं है, वहां के ब्लाक अधिकारियों को रिपोर्ट सबमिट कराने और आकलन समीक्षा की मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिया जाएगा।

-जीआर चंद्राकर, जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर।

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