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सोमवार की राजधानी के बीटीआई ग्राउंड स्थित राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में प्रमुख सचिव शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान में शिक्षकों और बच्चों से चर्चा की। चर्चा के दौरान डॉ. शुक्ला ने कहा कि इस अनौपचारिक संवाद का मुख्य उद्देश्य बच्चों में बिना डर एवं झेंप के आत्म विश्वास से इंग्लिश बोलने की आदत को बढावा देना है। इस मुलाकात का उद्देश्य सीधी एवं सरल भाषा मे एक दूसरे तक अपनी बात पहुँचाना भी हैं।
बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों को इंग्लिश बोलने की आदत डालना है, जैसे ही बच्चा इंग्लिश बोलना प्रारंभ कर देगा तो आगे किसी भी बड़े कोर्स, कॉलेज या यूनिवर्सिटी में उसे समस्या या झेंप का सामना नही करना होगा। प्रमुख सचिव शिक्षा से संवाद के दौरान मुंगेली, अम्बिकापुर, डोंगीपानी (रायगढ़) भिलाई से आये शिक्षिकाओं-शिक्षकों ने प्रमुख सचिव शिक्षा से अपने अनुभव साझा किए।
शिक्षकों को प्रोत्साहित करने का निर्देश
शासकीय स्कूलों में पढऩे वाले कम उम्र में अंग्रेजी भाषा के महारथी बन सके इसलिए प्रमुख शिक्षा सचिव ने एससीईआरटी के अधिकारियों को 1 हजार प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों को इंग्लिश बोलने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया है।
इस तरह बच्चों की झिझक होगी दूरी
डॉ. शुक्ला ने शिक्षकों से चर्चा के दौरान कहा कि स्कूलों में जब तक शिक्षक अंग्रेजी नहीं बोलेंगे, तब तक बच्चे भी अंग्रेजी भाषा बोलने में सक्षम नहीं होंगे। शिक्षक, छात्र प्रमुख सचिव शिक्षा की चर्चा के दौरान एसआईईआरटी के संचालक पी. दयानन्द, अपर संचालक डॉ. सुनीता जैन, एन.आई.सी. के सोम शेखर और आंग्ल भाषा शिक्षण प्रकोष्ठ प्रभारी जस्सी कुरियन, समग्र शिक्षा से एम. सुदीश भी उपस्थित थे।
छात्रों की अंग्रेजी भाषा में अच्छी कमांड हो इसलिए अंग्रेजी भाषा के शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, कि क्लास में आपसी बोलचाल में अंग्रेजी शब्दों का ज्यादा इस्तेमाल करे। इस नए प्रयोग से छात्रा के अंदर से अंग्रेजी भाषा का डर और झिझक खत्म होगी।
-पी. दयानंद, संचालक
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