रायपुर. अयोध्या के राजा भगवान श्रीराम की माता कौशल्या तीजा-पोरा त्योहार मनाने पहली बार अपने मायके रायपुर के चंदखुरी आई हैं। छत्तीसगढ़ के जाने-माने लोक संगीतज्ञ राकेश तिवारी और लोककलाकारों डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर, नरेंद्र यादव आदि ने कौशल्या माता संग तीजा तिहार का आयोजन किया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में भाद्रपद तीज को लोकपर्व तीजा मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रहती हैं। तीजा की पूर्व संध्या पर करु भात (करेला-भात) खाती हैं। चंदखुरी में पंडवानी गायिका प्रभा यादव के घर पर स्थापित कौशल्या माता को करु भात खिलाने की रस्म 17 सितंबर को निभाई गई। इसके पहले कौशल्या माता के दर्शन वरिष्ठ रंगकर्मी जयप्रकाश शर्मा, रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी में भाषा विभाग की विभागाध्यक्ष शैल शर्मा, प्रो. दिनेशनंदनी परिहार, असम से आईं शकुंतला साहू आदि ने किए। वहीं, पोरा तिहार पर बच्चों ने भांचा राम के साथ नांदिया बैला चलाया था।
रायपुर. अयोध्या के राजा भगवान श्रीराम की माता कौशल्या तीजा-पोरा त्योहार मनाने पहली बार अपने मायके रायपुर के चंदखुरी आई हैं। छत्तीसगढ़ के जाने-माने लोक संगीतज्ञ राकेश तिवारी और लोककलाकारों डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर, नरेंद्र यादव आदि ने कौशल्या माता संग तीजा तिहार का आयोजन किया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में भाद्रपद तीज को लोकपर्व तीजा मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रहती हैं। तीजा की पूर्व संध्या पर करु भात (करेला-भात) खाती हैं। चंदखुरी में पंडवानी गायिका प्रभा यादव के घर पर स्थापित कौशल्या माता को करु भात खिलाने की रस्म 17 सितंबर को निभाई गई। इसके पहले कौशल्या माता के दर्शन वरिष्ठ रंगकर्मी जयप्रकाश शर्मा, रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी में भाषा विभाग की विभागाध्यक्ष शैल शर्मा, प्रो. दिनेशनंदनी परिहार, असम से आईं शकुंतला साहू आदि ने किए। वहीं, पोरा तिहार पर बच्चों ने भांचा राम के साथ नांदिया बैला चलाया था।