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देश का पांचवा ‘क्लीन स्ट्रीट फूड हब होगा तेलीबांधा तालाब

locationरायपुरPublished: Feb 12, 2020 12:04:30 pm

Submitted by:

Prashant Gupta

– एफएसएसएआई करेगा प्रमाणित, इसी महीने भेजा जाएगा बुलावा-
– राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की पहल, निगम और स्मार्ट सिटी भी दे रहा सहयोग
– अहमदाबाद की कांकरिया लेक साइट है देश की पहली ‘क्लीन स्ट्रीट फूड हबÓ

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देश का पांचवा ‘क्लीन स्ट्रीट फूड हब होगा तेलीबांधा तालाब,देश का पांचवा ‘क्लीन स्ट्रीट फूड हब होगा तेलीबांधा तालाब

रायपुर.राजधानी के तेलीबांधा तालाब को देश का पांचवा ‘क्लीन स्ट्रीट फूड हबÓ बनाने की कवायद जारी है। राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा इस क्षेत्र का चयन किया गया और रायपुर के अफसरों को इसे भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के मानकों पर तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है। राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के साथ नगर निगम, स्मार्ट सिटी व स्वास्थ्य विभाग भी अपनी सहभागिता दे रहे हैं।
पांच महीने पहले आनंद नगर ढाल से लेकर तेलीबांधा तालाब के सामने के 35 वेंडर्स को चिन्हांकित किया गया।इन्हें ‘क्लीन स्ट्रीट फूड हबÓ प्रोजेक्ट के बारे में समझाया गया। सभी वेंडर्स राजी हुए और इसके बाद से इन्हें नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विभाग फूड सर्विसेज नामक एजेंसी से फूड ऑडिट भी करवा रहा है, जो कमियां बताती है जिन्हें दूर किया जाता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं इस प्रोजेक्ट के प्रभारी विजेंद्र भारती का कहना है कि 10-12 दिनों में फाइनल ऑडिट करवाकर एफएसएसएआई को रिपोर्ट भेजकर निरीक्षण के लिए आमंत्रित किया जाएगा। अहमदाबाद के कांकरिया लेक के किनारे स्ट्रीट फूड साइट को देश का पहला क्लीन स्ट्रीट फूड हब घोषित किया गया है।

तेलीबांधा तालाब को मिलेगी और राष्ट्रीय पहचान-

तेलीबांधा तालाब का निर्माण 1835 में तत्कालीन मालगुजार दीनानाथ साव द्वारा करवाया गया था। पिछले पांच-छह सालों में नगर निगम ने इसे नए सिरे से संवारा है। चारों तरफ पॉथ-वे और बैठने की व्यवस्था की गई। नालों के पानी को उपचारित किया गया है। इसके किनारे 82 मीटर ऊंचा तिरंगा फहराया जा रहा है, जो इसकी पहचान बन चुका है। यहां एक फूड जोन भी विकसित हो चुका है।बॉक्सक्लीन स्ट्रीट फूड हब का कांसेप्ट-एफएसएसएआई के इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य स्ट्रीट फूड को गुणवत्तायुक्त स्ट्रीट फूड के तौर पर परोसना है। ताकि खाने वालों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी न हो। जब खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में सुधार आएगा, बेहतर सफाई व्यवस्था होगी तो बड़ी संख्या में लोग पहुंचगें। पर्यटक भी आएंगे।

इन बिंदुओं पर हो रहा है ऑडिट– एफएसएसएआई ने ‘क्लीन स्ट्रीट फूड हबÓ के मानक तय किए हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं प्रोजेक्ट के प्रभारी विजेंद्र भारती के मुताबिक-

स्टेनलेस स्टील के बर्तन- सब्जी काटने के लिए स्टेनलेस स्टील के चाकू और अन्य बर्तन भी इसी धातु के बने हों। इनमें जंग नहीं लगती।
हाईजिन का ख्याल- वेंडर्स और इनकी दुकानों में काम करने वाले कर्मचारी हैड मास्क, मास्क, ग्लब्स और एप्रन पहन रहे हैं। साफ-सफाई का ध्यान रखना सिखाया जा रहा है। पेस्ट कंट्रोल भी करवाया जा रहा है।
कचरा प्रबंधन-वेंडर्स को दुकान से निकलने वाले कचरे का उचित प्रबंधन सिखाया जा रहा है। वेंडर्स बंद डस्टबिन रख रहे हैं। ग्राहकों को यह समझाया जा रहा है कि वे इसका इस्तेमाल करें। इसके बाद कचरा निगम की गाड़ी को देना है।स्ट्रीट लाइट जहां पर भी दुकानें हैं, उस पूरे क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट और दुकानों में भी प्रकाश की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।
सभी का प्रयास है कि तेलीबांधा को प्रदेश का पहला ‘क्लीन स्ट्रीट फूड हबÓ बनाया जाए। उम्मीद है कि हम इसमें कामयाब होंगे। यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। दूसरे वेडर्सं भी इससे प्रेरित होंगे।
राजेश क्षत्रीय, अभिहीत अधिकारी, राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग

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