तापमान में आई गिरावट, ठंड में सामान्य सर्दी-खांसी और बुखार भी घातक
ठंडक बढ़ने के साथ ही सर्दी खांसी, बुखार, निमोनिया, अस्थमा, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

रायपुर. नवंबर शुरू होते ही तापमान में निरंतर कमी महसूस होने लगी है, ऐसे में चिकित्सक एहतियात बरतने की सलाह दे रहे है। ठंडक बढ़ने के साथ ही सर्दी खांसी, बुखार, निमोनिया, अस्थमा, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। अस्थम, उच्च रक्तचाप के रोगियों को गर्म कपड़े पहननें तथा बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखने डॉक्टर सलाह दे रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड में बैक्टीरिया, वायरस या फंगल की वजह से फेफड़ों में संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। बुखार या जुकाम होने के बाद निमोनिया भी हो सकता है, जो कोरोना काल में काफी खतरनाक हो सकता है।
5 साल से छोटे बच्चों व 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इसलिए उन पर निमोनिया का असर जल्द होता है। ठंड में अस्थमा व उच्च रक्तचाप के मरीजों के साथ-साथ बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी होती है।
मामूली सर्दी-खांसी, बुखार, स्वाद ना आना, उल्टी-दस्त, थकान, सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी महसूस होने पर तुरंत कोरोना की जांच कराएं। डॉक्टर से सलाह लिए बिना दवाओं का सेवन हानिकारक हो सकता है।
डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ, रायपुर
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