विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड में बैक्टीरिया, वायरस या फंगल की वजह से फेफड़ों में संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। बुखार या जुकाम होने के बाद निमोनिया भी हो सकता है, जो कोरोना काल में काफी खतरनाक हो सकता है।
5 साल से छोटे बच्चों व 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इसलिए उन पर निमोनिया का असर जल्द होता है। ठंड में अस्थमा व उच्च रक्तचाप के मरीजों के साथ-साथ बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी होती है।