कलेक्टोरेट मार्ग पर भी अलर्ट
हाथियों के दल की उपस्थिति जिला संयुक्त कार्यालय के पास होने के कारण कलेक्टोरेट सहित सात अन्य जगहों को अलर्ट कर दिया गया है। तालगांव, आदमाबाद विश्राम गृह, संयुक्त जिला कार्यालय, रक्षित आरक्षी केंद्र, झलमला, सिवनी, देऊरतराई, सेमरकोना, अंधियाटोला, देवारभाट, गश्तीटोला को अलर्ट किया गया है।
सात गांव में भी अलर्ट जारी
वन विभाग ने भी पहले से गांव में अलर्ट जारी कर दिया था। इस परिवार ने दूसरे घर पर शरण ले ली थी, तब जान बची। वन विभाग ने इस जंगल से लगे लगभग सात गांव में अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं हाथियों का दल कलेक्टोरेट कार्यालय के नजदीक में हैं। ऐसे में जिला संयुक्त कार्यालय को भी अलर्ट किया गया है।
जंगल जाने पर मनाही, सतर्क रहने के निर्देश-
हाथी की उपस्थिति तालगांव के नर्सरी में देखी गई है। वहीं जंगल में लोगों को न जाने की सलाह दी गई है।
-रियाज खान, रेंजर वन विभाग बालोद
जिले में हाथियों का आतंक रोकने में वन विभाग नाकाम-
हाथियों के चिंघाड़ से दहशत में ग्रामीण
ग्राम नगझर के ग्रामीण केंवल सिंह ने बताया कि उन्होंने एक एकड़ खेत में गन्ने की फसल लगाई, जिसे हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है। गांव के दो किसानों के गन्ने की फसल को पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि शाम तक दिन काट लेते हैं, लेकिन रात में दहशत में रहते हैं।
आसपास के आठ गांवों में अलर्ट
वन विभाग ने नर्रा, नहरडेरा, मुल्लेगुड़ा, नारागांव, किनारगोंदी, धरमपुरा, गोडपाल, हर्राठेमा, मुल्ले, पेटेचुआ में अलर्ट जारी कर दिया हैं। मुनादी कर ग्रामीणओं से कह रहे हैं कि देर शाम तक जंगल व खेतों में न रहें। कच्चे मकान में रहने वाले पक्के मकानों में शरण लें। मंगलवार की रात में हाथियों ने गांव में विचरण किया। वहीं रानीमाई मंदिर के सदस्यों ने भी छत पर रात बिताई।