6 घंटे लगते हैं जांच रिपोर्ट आने में प्रदेश के किसी भी जिले में अगर सैंपल लिए गए हैं तो अधिकतम 6 घंटे में ये लैब पहुंच ही जाते हैं। लैब में भी अधिकतम 6 घंटे लगते हैं जांच रिपोर्ट आने में। वह तब जब पेंडेंसी न हो। मगर, अभी कुछ लैब से समय पर, कुछ से बहुत देरी में जांच रिपोर्ट आ रही है। क्योंकि इन पर अधिक भार है।
रोजाना 3 हजार सैंपलों की ही जांच प्रवासी मजदूरों की वापसी के साथ ही प्रदेश की चार प्रमुख लैब पर सैंपल जांच का भार एकाएक बढ़ गया है। स्थिति यह है कि ये तीनों रोजाना 3 हजार से अधिक सैंपल की जांच कर रही हैं। इनके अलावा लालपुर स्थित लैब में ट्रूनॉट मशीन से जांच हो रही है। एसआरएस निजी लैब में भी जांच हो रही हैं, मगर पेंडिंग सैंपल की संख्या बढ़ती जा रही है। क्योंकि पूरा भार एम्स रायपुर, पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज रायपुर, स्व. बलीराम कश्यप मेडिकल कॉलेज जगदलपुर और स्व. लखीराम अग्रवाल मेडिकल कॉलेज रायगढ़ पर है।
नई लैब खोलने में इसलिए देरी? सरकार बिलासपुर, राजनांदगांव और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में लैब खोल ही नहीं पा रही है। इसकी वजह है मैन-पॉवर। ज्यादा देरी हुई तो राज्य के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक एवं प्रवक्ता डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि रिपोर्ट मिलने में देरी तो हो रही है, इसे लेकर स्वास्थ्य सचिव के माध्यम से सभी लैब संचालकों को जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। ३ कॉलेजों में लैब खुलना प्रक्रियाधीन है।