दरअसल, वित्तीय गड़बडि़यां रोकने के लिए वरिष्ठ संभागीय लेखा अधिकारी पदस्थ किए जाते हैं। ताकि सरकारी खजाने को चूना न लगे। राशि आहरण के पहले सभी बिल-बाउचर का परीक्षण हो सके। परंतु इसका पालन पीडब्ल्यूडी डिवीजन-2 के एसडीओ डीएन वर्मा द्वारा नहीं किया जा रहा था। यहां तक कि बिना बाउचर प्रस्तुत किए ही विभागीय तौर पर सेल्फ चेक पर साइन करने के लिए लेखा अधिकारी (डीए) को बाध्य कर रहे थे। क्योंकि उनकी साइन के बिना सरकारी खजाने से राशि आहरण नहीं की जा सकती थी।
अधिकारी-मंत्री के यहां काम कराने की धौंस
अधिकारी-मंत्री के यहां काम कराने की धौंस
सूत्रों के अनुसार अधिकारी और मंत्री के निवास एवं अन्य जगह छोटा-मोटा काम कराने की धौंस देकर दबाव बना थे। जिस पर डीए सहमत नहीं थे। ये भी सामने आया कि बिना स्वीकृति के छोटे-मोटे काम करवाने के नाम पर हर महीने सेल्फ चेक के तहत हजारों रुपए आहरण करने का खेल चलता है। उसी के तहत डिवीजन-2 के एसडीओ वर्मा कई दिनों से बाउचर प्रस्तुत नहीं कर थे और कई दिनों से सरकारी खजाने से हजारों रुपए सेल्फ चेक पर साइन करने के लिए डीए एलएन मिश्रा के ऊपर दबाव बना रहे थे। परंतु उन्होंने यह कहते हुए नकार देते थे कि जब तक बिल-बाउचर नहीं देखेंगे, तब तक चेक में साइन नहीं कर सकते।
26 मई की घटना कार्यपालन अभियंता की मौजूदगी में हुई थी हजारों रुपए के सेल्फ चेक में डीए मिश्रा की साइन नहीं से एसडीओ डीएन वर्मा खुन्नस खाए हुए थे। 26 अप्रैल को शाम 5.30 बजे कार्यपालन अभियंता हेमंत अरोरा के माध्यम से पहले डीए मिश्रा को बुलवाया और कहने लगे चेक में साइन क्यों नही करते, बाउचर बाद में दूंगा। कुछ ही देर में डीए मिश्रा पर झूम पड़े। गाली-गलौच, मारपीट करते हुए उनके हाथ से मोबाइल छीनने के चक्कर में टूट गया। उस दौरान डिवीजन के 6 उपअभियंता भी मौजूद थे, जो भौचक रह गए थे।
0000000000
सरकारी विभागों में कुछ नियम-कानून है। पीडब्ल्यूडी के एसडीओ द्वारा की गई घटना निंदनीय और सिविल सेवा आचरण के विरुद्ध है। हालांकि उन्होंने पीडि़त डीए से माफी मांगी है। परंतु विभाग के प्रमुख अभियंता द्वारा सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
एनके प्रधान, अध्यक्ष डीए एसोसिएशन
एनके प्रधान, अध्यक्ष डीए एसोसिएशन