रायपुर. जैसे-जैसे नवरात्रि पर्व की नवमी तिथि नजदीक आ रही है, मातारानी की भक्ति में शहर डूब रहा है। हाथों में नारियल, चुनरी, फल-फूल अर्पित करने के लिए प्रमुख देवी मंदिरों में होड़ मची हुई। मां शक्तिस्वरूपा का आंचल आस्था दीपों से जगमगा रहा है। जसगीत की धूम से शहर के कोने -कोने में भक्तिमय माहौल है। घरों में सुबह-शाम की आरती में लीन हैं। रविवार को पंचमी तिथि पर मां शक्तिस्वरूपा का अभिषेक और महाआरती हुई। बंजारीधाम, महामाया मंदिर परिसर आस्था से छलक रहा है। देवी मंदिरों से लेकर मोहल्लों और कॉलोनियों में ज्योत जगमग है और जवारा लहलहाने लगा है। शाम होते ही देवी मंदिर परिसर रंगीन रोशन से नहाए हुए नजर आते हैं। बारी-बारी से मातारानी और ज्योत का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता देर रात तक लगने लगा है। महाअष्टमी तिथि पर श्रद्धालु हवन पूजन करके विसर्जन करने निकलेंगे। इस समय शहर के सभी देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए लोकल ट्रेनों के अलावा एक्सप्रेस में भी खासी आवाजाही हो रही है।
रायपुर. जैसे-जैसे नवरात्रि पर्व की नवमी तिथि नजदीक आ रही है, मातारानी की भक्ति में शहर डूब रहा है। हाथों में नारियल, चुनरी, फल-फूल अर्पित करने के लिए प्रमुख देवी मंदिरों में होड़ मची हुई। मां शक्तिस्वरूपा का आंचल आस्था दीपों से जगमगा रहा है। जसगीत की धूम से शहर के कोने -कोने में भक्तिमय माहौल है। घरों में सुबह-शाम की आरती में लीन हैं। रविवार को पंचमी तिथि पर मां शक्तिस्वरूपा का अभिषेक और महाआरती हुई। बंजारीधाम, महामाया मंदिर परिसर आस्था से छलक रहा है। देवी मंदिरों से लेकर मोहल्लों और कॉलोनियों में ज्योत जगमग है और जवारा लहलहाने लगा है। शाम होते ही देवी मंदिर परिसर रंगीन रोशन से नहाए हुए नजर आते हैं। बारी-बारी से मातारानी और ज्योत का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता देर रात तक लगने लगा है। महाअष्टमी तिथि पर श्रद्धालु हवन पूजन करके विसर्जन करने निकलेंगे। इस समय शहर के सभी देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए लोकल ट्रेनों के अलावा एक्सप्रेस में भी खासी आवाजाही हो रही है।