scriptअगर आपका बच्चा चोरी छिपे करता है ये गलत काम तो यहां ले आएं सुधर जाएगी बुरी आदतें | The country's first school will be opened for drug addicts children | Patrika News

अगर आपका बच्चा चोरी छिपे करता है ये गलत काम तो यहां ले आएं सुधर जाएगी बुरी आदतें

locationरायपुरPublished: Mar 10, 2018 02:06:10 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

नशे की गिरफ्त में आ चुके बच्चों के लिए एक ऐसा बालगृह संचालित होने वाला है, जहां बच्चों को भर्ती कर उन्हें नशे की लत से दूर किया जाएगा

drug addict children

अजय रघुवंशी/रायपुर. नशे की गिरफ्त में आ चुके बच्चों के लिए एक ऐसा बालगृह संचालित होने वाला है, जहां बच्चों को भर्ती कर उन्हें नशे की लत से दूर किया जाएगा, बच्चों की काउंसिलिंग और ब्रेन वॉश के जरिए उन्हें नशे से मुक्ति दिलाई जाएगी। इस बालगृह में बच्चों के रहने, पढ़ाई-लिखाई की सुविधा होगी, वहीं बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ दूसरी विधाओं में पारंगत किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण समिति व महिला एवं बाल विकास विभाग के मुताबिक यह देश का पहला ऐसा स्कूल होगा, जहां नशा पीडि़त बालकों के लिए बालगृह का संचालन किया जाएगा। 18 वर्ष से कम उम्र के लगभग 50 बच्चों को रहने की सुविधा होगी। बालगृह किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत संचालित होगा।
बालगृह का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग की देखरेख में अवंति सेवा समिति संचालित करेगी। विभाग ने बालगृह के संचालन के लिए पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। 13 अगस्त को विभिन्न पदों पर भर्ती का साक्षात्कार होगा, जिसके बाद बालगृह का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

दोंदेकला में होगा संचालित
एकीकृत बाल संरक्षण इकाई के तहत यह बालगृह दोंदेकला में संचालित होगा। नशा मुक्ति केंद्र का उद्देश्य काउंसिलिंग, उपचार और देखरेख के जरिए बच्चों को नशे से मुक्ति दिलाना होगा। यहां उनकी पढ़ाई-लिखाई सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।

अमीर-गरीब सभी तरह के बच्चे
बाल संरक्षण आयोग के अधिकारियों के मुताबिक बालगृह में अमीर-गरीब सभी तरह के परिवारों के बच्चे रह सकेंगे। आयोग का कहना है कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों में नशे की लत तेजी से बढ़ती जा रही है। यह समाज के लिए चिंता का विषय है। ऐसे बालगृह से बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे में मदद मिलेगी।

इन पदों पर होगी भर्ती
ऑफिस इंचार्ज अधीक्षक, बाल कल्याण अधिकारी, परामर्शदाता, हाउस मदर, हाउस फादर, एजुकेटर, ड्रग एडिक्ट टीचर, स्टाफ नर्स, व्यवसायिक शिक्षक, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, स्टोर कीपर कम अकाउंटेंट, आर्ट एवं क्रॉप्ट, रसोइयां, सहायक रसोइया, एंबुलेंस चालक, सुरक्षा गार्ड आदि।

छग बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे ने कहा कि नशा पीडि़त बच्चों के लिए बालगृह का संचालन किया जाना है। इसके लिए राज्य सरकार व महिला एवं बाल विकास विभाग से स्वीकृत मिल चुकी है। बालगृह की निगरानी राज्य बाल संरक्षण समिति द्वारा की जाएगी। यह देश का पहला स्कूल होगा, जहां बच्चों को नशे की लत से मुक्ति दिलाई जाएगी।
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