रायपुर-बिलासपुर मुख्य सड़क पर फाफाडीह रेलवे फाटक के पास अंडरब्रिज निर्माण चल रहा है। वहां खुदाई के दौरान सीवरेज और पानी की पाइप लाइन दोनों डैमेज हो गई। इसके साथ ही पानी की पाइप लाइन में कई जगह लीकेज का भी खुलासा हुआ। यह क्षेत्र निगम के जोन-2 में आता है। जब गंदा पानी पीकर लोग बीमार पड़ने लगे तो बस्ती क्षेत्र में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में निगम मुख्यालय से लेकर जोन के अफसर सक्रिय हुए और जांच शुरू हुई। तब पता चला कि जिस लाइन से जागृतिनगर, शास्त्रीनगर और उससे लगे चूनाभट्ठी के कई घरों में पीने के पानी की सप्लाई हो रही है, उसमें सीवरेज लाइन की गंदगी मिली हुई है। इसके बाद तुरंत उस लाइन का डिस्कनेक्ट कराकर दूसरी लाइन से पानी की सप्लाई कराने की व्यवस्था की गई। तब तक काफी देर हो चुकी है।
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गए थे फाफाडीह क्षेत्र रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में आता है। यहां से विधायक कुलदीप जुनेजा का कहना है कि जैसे ही सूचना मिली तो वे निगम और जोन के अधिकारियों को लेकर मौके पर पहुंच और क्षेत्र का दौरा किया। सीवरेज वाली लाइन के करीब जो पानी पाइप लाइन निकली है, उसे बंद कर दिया गया है। उनका कहना है कि अब बस्ती में िस्थति कंट्रोल में है। पीलिया के मरीजों का इलाज चल रहा है। क्षेत्र की बस्ती में लगातार नजर रखे हुए हैं।
दूसरी लाइन से करा रहे सप्लाई निगम में पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं वार्ड पार्षद सूर्यकांत राठौर का कहना है कि पिछले 15 दिनों से गंदा पानी की सप्लाई हो रही थी। परंतु उसे जिम्मेदारों ने गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने बताया कि अंडरब्रिज निर्माण से पुरानी सीवरेज लाइन क्षतिग्रस्त हुई और पानी की पाइप में लीकेज की वजह से गंदा पानी लोगों के घरों में जाता रहा। अभी वह प्वाइंट नहीं मिला है, परंतु उस लाइन को ब्लॉक कर दूसरी लाइन से पानी की सप्लाई हो रही है। रविवार को भी निगम में अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी सहित जोन के अधिकारी जायजा लेने आए थे।
लीकेज बढ़ी समस्या, जहां देखो वहीं खुदाई
दरअसल, शहर में पानी की पाइप लाइनों में लीकेज से लोगों के घरों में गंदा पानी आने की शिकायतें लगातार बनी हुई हैं। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां खुदाई करके लीकेज ठीक करने का काम न चलता हो। क्योंकि अमृत मिशन योजना के तहत जो पाइप लाइनें बिछाई गई हैं, उसमें शहर के अशिकांश हिस्सों से बड़ा लोचा है। पुरानी और नई दोनों लाइनों से सप्लाई की वजह से गंभीर सकंट उत्पन्न हुआ है। जिसका समाधान नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी का अमला कर नहीं पा रहा है। जबकि पिछले चार सालों में शुद्ध पानी सप्लाई के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं। फिर भी पीने के पानी की सप्लाई सुधरी नहीं है।
वार्डों में इस समय दौड़ रहे 10 टैंकर
नगर निगम लोगों की प्यास बुझाने के लिए इस समय वार्डों में 10 टैंकर दौड़ा रहा है। जबकि पिछले साल केवल 8 टैंकर ही लगाने पड़े थे। इसके पीछे की बड़ी वजह है कि अमृत मिशन योजना के तहत आधी-अधूरी पाइप लाइनें और पुरानी लाइन से नई में कनेक्शन का काम नहीं हो पाना।
पीलिया से शहर में मच चुका है हाहाकार इससे पहले सीवरेज के गंदगी पानी की पाइप से सप्लाई होने के कारण शहर के डीडीनगर क्षेत्र और मोवा-पंडरी सहित कई क्षेत्रों में पीलिया फैलाने से हाहाकर मच चुका है। ये इतनी भयावह िस्थति कि पूरी कि पूरी पाइप लाइन बदलनी पड़ी थी। नालियों में डूबी पाइप लाइन को शिफ्ट करने का काम मोवा क्षेत्र में होने से तब लोगों को राहत मिली।