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जिस दिन संकल्प लेंगे कि कोई न कोई सुधार लाना है तो बदलाव आना तय

locationरायपुरPublished: Oct 19, 2019 06:33:23 pm

स्वयं को नेगेटिव नहीं पॉजीटिव बनाएं। इससे सुख-शांति बनी रहती है। अध्यात्मिक दृष्टिकोण से स्वयं के सुधार का उत्साह होना चाहिए, जिस दिन यह संकल्प ले लेंगे कि सुबह से ही कोई न कोई सुधार लाना है तो निश्चित रूप से बदलाव आना शुरू हो जाएगा। यदि स्वयं के सुधार का उत्साह खत्म हो गया, तब ऐसी अवस्था में प्रतिभा भी काम नहीं आती। ये बातें एमजी रोड दादाबाड़ी में चल रहे चातुर्मास प्रवचन में अध्यात्म योगी महेंद्र सागर के सानिध्य में मनीष सागर ने कही।

जिस दिन संकल्प लेंगे कि कोई न कोई सुधार लाना है तो बदलाव आना तय

दादाबाड़ी में महेंद्र सागर

रायपुर. मुनिवर ने कहा कि संसार के दुखों का जिसे बोध हो जाता है, सच्चा साधक वही होता है। संसार में सदा उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, एक सी स्थिति कभी नहीं होती। यहां सब कुछ परिवर्तनशील है। अहिंसा धर्म का पालन करते हुए जीओ। क्योंकि जीवों की हिंसा वास्तव में अपनी ही आत्मा का वध है और जीवों पर की गई दया स्वयं की दया है। अहिंसा धर्म का जो पालन करता है वह दुर्गतियों में जाने से बच जाता है। मनीष सागर महाराज ने कहा कि अर्थ और भोग के लिए मनुष्य कितना ही परिश्रम करता है, उसे कितने कष्ट और यहां तक की अपमान भी सहने होते हैं। इसीलिए लोभ पर अंकुश लगाएं, संसार की सच्चाई को देखने का प्रयास करें। यदि कुछ पाना ही है तो मोक्ष प्राप्ति के लिए पुरुषार्थ-परिश्रम करें और जीवन को सफ ल बनाएं।
भक्ताम्बर हीलिंग से असाध्य बीमारियों का इलाज 21 को
चातुर्मास समिति के उपाध्यक्ष व प्रचार प्रसार संयोजक तरुण कोचर ने बताया कि 21 अक्टूबर को प्रवचन सभा के समय सुबह 9 से 11 बजे के बीच भक्ताम्बर हीलिंग के माध्यम से असाध्य बीमारियों के इलाज पर नागपुर से डॉ. मंजू जैन व डॉ अर्चना जैन का विशेष व्याख्यान और उपाय बताएंंगे। डॉ. मंजू व डॉ. अर्चना ने भक्ताम्बर की 45वीं गाथा पर पीएचडी की है।

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