scriptसुपेबेड़ा के लिए पिछले वर्ष डायलिसिस मशीन मिली थी, अब सरकार ने डॉक्टर भेजा तो सीएमएचओ ने रिलीव ही नहीं किया | The dialysis machine was given for Supebeda last year, now the doctor | Patrika News

सुपेबेड़ा के लिए पिछले वर्ष डायलिसिस मशीन मिली थी, अब सरकार ने डॉक्टर भेजा तो सीएमएचओ ने रिलीव ही नहीं किया

locationरायपुरPublished: Oct 22, 2019 01:14:51 pm

Submitted by:

Mithilesh Mishra

– अम्बिकापुर सीएमएचओ ने रिलीव ही नहीं किया- अब दिवाली तक तैनाती की उम्मीद

सुपेबेड़ा के लिए पिछले वर्ष डायलिसिस मशीन मिली थी, अब सरकार ने डॉक्टर भेजा तो सीएमएचओ ने रिलीव  ही नहीं  किया

सुपेबेड़ा के लिए पिछले वर्ष डायलिसिस मशीन मिली थी, अब सरकार ने डॉक्टर भेजा तो सीएमएचओ ने रिलीव ही नहीं किया

रायपुर. किडनी की रहस्यमय बीमारी से जूझ रहे गरियाबंद जिले की सुपेबेड़ा पंचायत और उसके आसपास के आधा दर्जन गांवों के लिए पिछली सरकार ने देवभोग के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डायलिसिस यूनिट लगाई थी। मशीन भेजी गई, लेकिन वहां कोई विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं था, ऐसे में मरीजों को उसका फायदा नहीं मिला।
निजाम बदला। नई सरकार ने एक अक्टूबर को देवभोग सीएचसी की डायलिसिस यूनिट के लिए अम्बिकापुर से एक विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. जय कुमार पटेल को भेजने का आदेश जारी किया। आदेश के 20 दिन बाद देवभोग के बीएमओ डॉ. सुनील भारती ने बताया, डॉ. पटेल ने अभी सीएचसी में जॉइनिंग नहीं दी है।
पत्रिका से बात करते हुए डॉ. जय कुमार पटेल ने बताया, उन्होंने कार्यमुक्ति के लिए अम्बिकापुर सीएमएचओ के यहां आवेदन किया है, लेकिन अभी तक उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया है। डॉ. पटेल ने उम्मीद जताई कि दिवाली से पहले उन्हें रिलीव कर दिया जाएगा और वे देवभोग में अपनी डयूटी संभाल लेंगे।
डॉ. जय कुमार पटेल एम्स रायपुर और रायपुर मेडिकल कॉलेज की ओर से 19 अक्टूबर को सुपेबेड़ा में आयोजित शिविर में भी शामिल हुए थे। इस शिविर में 25 लोग जांच और इलाज के लिए पहुंचे। जिनमें 15, किडनी की बीमारी से पीडि़त थे।

पिछले 27 सितम्बर को सुपेबेड़ा में एक और मरीज की मौत के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव 2 अक्टूबर को वहां दोबारा पहुंचे थे। उनके जाने के बाद रायपुर के डीकेएस में तीन और मेडिकल कॉलेज में एक मरीज इलाज के लिए भर्ती हुए हैं।

रोटेशन में भेजे जाएंगे डॉक्टर
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव ने सोमवार को बताया, कुछ विशेषज्ञ डॉक्टरों के मन में देवभोग में लंबे समय तक फंस जाने की आशंका है। उन लोगों को भरोसा दिलाया गया है कि उनको रोटेशन में सीमित अवधि के लिए वहां रखा जाएगा।

समय सीमा के बाद दूसरा डॉक्टर उनकी जगह ले लेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, रोटेशन के जरिए हर समय वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों को तैनात रखा जाएगा।


राज्यपाल के दौरे से प्रशासन में हरकत, रात तक सुधारते रहे गांव की गलियां
राज्यपाल अनुसूईया उइके के दौरे को लेकर गरियाबंद जिला प्रशासन सुपेबेड़ा गांव में पिछले तीन दिनों से जमा हुआ है। सोमवार देर रात तक प्रशासनिक अधिकारी गांव की गलियां सुधरवाते रहे। राजभवन के अधिकारियों के साथ अपर कलेक्टर और एएसपी ने मंच और मुलाकातियों की व्यवस्था देखी।

देवभोग एसडीएम, सीईओ और दूसरे अधिकारी देर रात तक गांव में मौजूद थे। इस बीच गांव की सड़कों के गडढों को ढका गया। मेटल रिमूवल प्लांट से जुड़ी पानी की टंकियां साफ सुईं। लीकेज रोका गया। नालियों की सफाई हुई और कचरा हटाया गया।
गांव के महेंद्र मसरा ने कहा, उनके गांव में प्रशासन की इतनी सक्रियता देखकर वे दंग हैं। ग्रामीणों को उम्मीद है कि राज्यपाल के दौरे से उनके हालात बदलेंगे। ग्रामीणों ने आपसी बातचीत के आधार पर एक मांगपत्र भी तैयार कर लिया है। राज्यपाल से मुलाकात के समय वे मांगपत्र देंगे।
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