लॉकडाउन से बाजार को बड़ा नुकसान
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) सीजी चैप्टर के प्रदेशाध्यक्ष अमर परवानी ने कहा कि लॉकडाउन से विभिन्न सेक्टरों के व्यापार को बड़ा नुकसान तय है। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव भी जरूरी है साथ ही बाजार का चलना भी। त्योहारी सीजन की शुरुआत रक्षाबंधन से होती है। ऐसे में इस साल व्यापार प्रभावित होगा। त्योहारी सीजन के लिए अलग-अलग सेक्टर में तैयारियां पूरी होने के बाद कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ेगा। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा ने कहा कि स्थिति बेहतर रही तो 29-30 अगस्त के बाद भी किराना व्यापार को खोले जाने पर निर्णय लिया जा सकता है। बाजार लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही प्रभावित हो चुका है। छत्तीसगढ़ मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश वासवानी ने कहा कि राखी पर मोबाइल का बड़ा कारोबार प्रभावित होगा। ना सिर्फ राजधानी बल्कि अन्य जिलों में भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
हो सकता है होम डिलीवरी का विकल्प
कारोबारियों के मुताबिक होम डिलीवरी का विकल्प बेहतर हो सकता है। इस पर जिला प्रशासन को विचार करना चाहिए। रविभवन व्यापारी संघ के अध्यक्ष जय नानवानी ने कहा कि ठोस रणनीति के साथ होम डिलिवरी का विकल्प व्यापार को बचा सकता है। बड़ी ऑनलाइन कंपनियां पहले भी होम डिलीवरी करती आ रही है, लेकिन अब छोटे दुकानदारों को घर पहुंच सुविधाएं देने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे व्यापार के नुकसान को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
चैंबर ऑफ कॉमर्स की मांग, दोपहर 2 बजे तक खुलें दुकानें
चैंबर ऑफ कॉमर्स ने 29 और 30 जुलाई को दुकानों के खुलने के समय को सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक करने की मांग की है। चेयरमेन रमेश गांधी ने कहा कि थोक व चिल्हर किराना के साथ ही थोक व चिल्हर अनाज को भी व्यापार की अनुमति दी जानी चाहिए। जिला प्रशासन ने वर्तमान में किराना सामानों के लिए विक्रय, वितरण, भंडारण और परिवहन की अनुमति सुबह 6 से 10 बजे तक ही दी है। राखी की खरीदी-बिक्री किराना दुकानों में ही करने के लिए कहा गया है।