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लॉकडाउन के पेच में फंसा 500 करोड़ रुपए का त्योहारी बाजार, पहले दिन छूट में लोगों ने उड़ाई नियमों की धज्जियां

locationरायपुरPublished: Jul 29, 2020 06:39:03 pm

Submitted by:

ashutosh kumar

होम डिलीवरी के विकल्प पर विचार करने की मांग

लॉकडाउन के पेच में फंसा 500 करोड़ रुपए का त्योहारी बाजार, पहले दिन छूट में लोगों ने उड़ाई नियमों की धज्जियां

लॉकडाउन के पेच में फंसा 500 करोड़ रुपए का त्योहारी बाजार, पहले दिन छूट में लोगों ने उड़ाई नियमों की धज्जियां

रायपुर. राज्य सरकार द्वारा 6 अगस्त तक लॉकडाउन बढ़ाने के निर्णय के बाद ऐसा पहली बार होगा जब राखी पर बाजार टोटल लॉकडाउन रहेगा। इसकी वजह से प्रदेशभर में 500 से 600 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित होने की आशंका जताई गई है। वहीं बुधवार को सुबह 6 बजे से 10 बजे तक राशन दुकानेें खुलने के कारण जगह-जगह पर भारी भीड़ देखी गई। इस भीड़ को देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे प्रदेश में महीनेभर का कफ्यू लग गया हो। प्रदेश सरकार ने लोगों की सहूलियत को देखते हुए दो दिन की छूट जरूरत का सामान देने के लिए दी थी। लेकिन इस छूट में लोगों ने ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और न ही 6 फीट की दूरी बनाई। जोकि आने वाले दिनों में खतरे की घंटी है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

दूसरी ओर कई व्यवसायिक संगठनों और कारोबारियों ने लॉकडाउन के दौरान होम डिलीवरी सेवाएं शुरू करने का सुझाव दिया है, ताकि कुछ हद तक व्यापार में होने वाले नुकसान से बचा जा सके। कई कारोबारी संगठनों ने इस लॉकडाउन का स्वागत भी किया है, ताकि खुद को पहले सुरक्षित रखा जा सके। ज्यादातर कारोबारियों का मानना है कि राज्य सरकार के इस फैसले से जहां संक्रमण की आशंका कम होगी, लेकिन बाजार को बड़ा नुकसान होने वाला है। बाजार बंद होने की वजह से ना सिर्फ राखी, मिठाईयों की दुकानों को नुकसान होगा, बल्कि रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल्स, सराफा, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, होम अप्लायंसेस, गारमेंट्स आदि सेक्टरों में भी नुकसान तय माना जा रहा है। रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल्स में जहां ऑनलाइन बुकिंग जारी है, वहीं मोबाइल कारोबारियों का कहना है कि प्रशासन से यदि होम डिलीवरी का आदेश दिया जाए तो इससे व्यापार को नए तरीके से शुरू किया जा सकता है।

लॉकडाउन से बाजार को बड़ा नुकसान
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) सीजी चैप्टर के प्रदेशाध्यक्ष अमर परवानी ने कहा कि लॉकडाउन से विभिन्न सेक्टरों के व्यापार को बड़ा नुकसान तय है। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव भी जरूरी है साथ ही बाजार का चलना भी। त्योहारी सीजन की शुरुआत रक्षाबंधन से होती है। ऐसे में इस साल व्यापार प्रभावित होगा। त्योहारी सीजन के लिए अलग-अलग सेक्टर में तैयारियां पूरी होने के बाद कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ेगा। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा ने कहा कि स्थिति बेहतर रही तो 29-30 अगस्त के बाद भी किराना व्यापार को खोले जाने पर निर्णय लिया जा सकता है। बाजार लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही प्रभावित हो चुका है। छत्तीसगढ़ मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश वासवानी ने कहा कि राखी पर मोबाइल का बड़ा कारोबार प्रभावित होगा। ना सिर्फ राजधानी बल्कि अन्य जिलों में भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

लॉकडाउन के पेच में फंसा 500 करोड़ रुपए का त्योहारी बाजार, पहले दिन छूट में लोगों ने उड़ाई नियमों की धज्जियां

हो सकता है होम डिलीवरी का विकल्प
कारोबारियों के मुताबिक होम डिलीवरी का विकल्प बेहतर हो सकता है। इस पर जिला प्रशासन को विचार करना चाहिए। रविभवन व्यापारी संघ के अध्यक्ष जय नानवानी ने कहा कि ठोस रणनीति के साथ होम डिलिवरी का विकल्प व्यापार को बचा सकता है। बड़ी ऑनलाइन कंपनियां पहले भी होम डिलीवरी करती आ रही है, लेकिन अब छोटे दुकानदारों को घर पहुंच सुविधाएं देने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे व्यापार के नुकसान को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।

चैंबर ऑफ कॉमर्स की मांग, दोपहर 2 बजे तक खुलें दुकानें
चैंबर ऑफ कॉमर्स ने 29 और 30 जुलाई को दुकानों के खुलने के समय को सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक करने की मांग की है। चेयरमेन रमेश गांधी ने कहा कि थोक व चिल्हर किराना के साथ ही थोक व चिल्हर अनाज को भी व्यापार की अनुमति दी जानी चाहिए। जिला प्रशासन ने वर्तमान में किराना सामानों के लिए विक्रय, वितरण, भंडारण और परिवहन की अनुमति सुबह 6 से 10 बजे तक ही दी है। राखी की खरीदी-बिक्री किराना दुकानों में ही करने के लिए कहा गया है।

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