रायपुरPublished: Apr 04, 2020 01:12:03 am
VIKAS MISHRA
कोरोना पॉजिटिव आने के बाद एम्स में थी भर्ती
घर में स्वागत के लिए पहुंचे लोगों का अभिवादन करती युवती (बीच में)।
रायपुर . कोरोना… नाम सुनकर ही भय लगता है, क्योंकि इसका अभी तक कोई रामवाण टीका या दवा नहीं बनी। यही वजह है कि दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिया भयभीत है। स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी देश इटली भयभीत है। स्पेन, फ्रांस, जर्मनी जैसे मुल्कों भयभीत है। भयभीत तो भारत भी है, मगर सीमित संसाधनों वाले इस देश ने भय को भगाने के लिए तरीके ढ़ूंढ़ निकाले। सोचिए, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कफ्र्यू का आव्हान किया और उसी दिन शाम 5 बजे पांच मिनट के लिए कहा- थाली, प्लेट बजाएं। शंखनाद करें और कोरोना को हराने का संकल्प लें। इस सोच ने देश एक सूत्र में बंध गया और वही जोश और उत्साह दिखाई दिया, जब शुक्रवार की शाम समता कॉलोनी में रहने वाली प्रदेश की पहली कोरोना पॉजिटिव युवती एम्स से ठीक होने के बाद घर लौटी।
मोहल्ले वाले सड़कों पर निकल आए। हाथों में थाली, प्लेट और इन्हें बजाने के लिए चम्मच, छरिया लिए। यह युवती के सम्मान में था। लोग उसे बधाई दे रहे थे। थ्री चियर कर रहे थे। युवती ने भी सबको धन्यवाद कहा। मगर, इस सम्मान के हकदार तो वे डॉक्टर भी हैं जिन्होंने जान बचाई।
आप हर किसी को दें ऐसे ही सम्मान
कोरोना को हराने में डॉक्टरों, नर्स से लेकर वार्ड ब्वॉज, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी या अन्य कोई व्यक्ति जो कोरोना के कर्मवीर हैं, उनका सम्मान करें। क्योंकि उनकी ही बदौलत हम और आप सुरक्षित हैं। अगर ये आपको दिखें तो उनका हौसला जरूर बढ़ाएं।