सरकार एवं जिला प्रशासन का दावा करता है कि जरूरतमंद एवं पीडि़तों को अविलम्ब सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। मानसून के लौटने के दो माह हो चुके है लेकिन क्षतिग्रस्त मकान मालिकों को या किसानों को जिनकी फसले बर्बाद हो चुकी थी। उन्हें अभी तक सहायता राशि नहीं मिली।
जानकारी के अनुसार स्थानीय राजस्व विभाग की ओर से दस पक्के मकान एवं 58 कच्चे मकानों के क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट जिला प्रशासन को भिजवाई थी। इन दस पक्के मकान मालिकों में 52 हजार की राशि बंटनी थी तथा 58 कच्चे मकान मालिकों को 1 लाख 85 हजार 600 रुपए की सहायता मिलनी थी।
सिलिकोसिस पीडि़त पत्थर की खानों एवं पत्थर गड़ाई कार्य करने वाले श्रमिकों में सिलिकोसिस बीमारी हो जाने की जानकारी राजस्व विभाग द्वारा 53 पीडि़तों की जिला कलक्टर को महीनों पहले जानकारी भेजी थी। गुरुवार को सिलिकोसिस से पीडि़त दस लोगों ने ओर आवेदन तहसील कार्यालय में प्रस्तुत किए। उनको भी जिला कलक्टर के पास भेजा है। इस बीमारी के प्रत्येक पीडि़त को राज्य सरकार की ओर से एक लाख रुपए दिए जाते है।
इनका कहना है जल विप्लव से क्षतिग्रस्त कच्चे एवं पक्के मकानों तथा सिलिकोसिस से पीडि़त कर्मकारों की सूची जिला कलक्टर कार्यालय को भेजी हुई है, राशि स्वीकृत होते ही पीडि़तोंं को सहायता राशि के चेक उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।
– गोपाल परिहार, कार्यवाहक उपखण्ड अधिकारी, बिलाड़ा।