scriptगरियाबंद में मिला क्षेत्र का सबसे बड़ा जलप्रपात, 120 फिट ऊंचाई नीचे पानी गिरने से होने वाली आवाज पर नाम रखा घड़घड़ी जलप्रपात | The largest waterfall of the area found in Gariaband, Ghadgadi Falls n | Patrika News

गरियाबंद में मिला क्षेत्र का सबसे बड़ा जलप्रपात, 120 फिट ऊंचाई नीचे पानी गिरने से होने वाली आवाज पर नाम रखा घड़घड़ी जलप्रपात

locationरायपुरPublished: Sep 27, 2021 07:49:33 pm

Submitted by:

Shiv Singh

यह नाम रखने की वजह भी दिलचस्प है कि शिखर से जब जलधारा चट्टानों का सीना चीरती हुई नीचे उतरती है, तो तेज बहाव होने के कारण जो गर्जना होती है, उसी के कारण इसका नाम घडघडी जलप्रपात रखा गया है।

गरियाबंद में मिला क्षेत्र का सबसे बड़ा जलप्रपात, 120 फिट ऊंचाई नीचे पानी गिरने से होने वाली आवाज पर नाम रखा घड़घड़ी जलप्रपात

गरियाबंद ब्लाक के घड़घड़ी जल प्रपात की खूबसूरत तस्वीर,गरियाबंद ब्लाक के घड़घड़ी जल प्रपात की खूबसूरत तस्वीर,गरियाबंद ब्लाक के घड़घड़ी जल प्रपात की खूबसूरत तस्वीर,गरियाबंद ब्लाक के घड़घड़ी जल प्रपात की खूबसूरत तस्वीर,गरियाबंद ब्लाक के घड़घड़ी जल प्रपात की खूबसूरत तस्वीर,गरियाबंद ब्लाक के घड़घड़ी जल प्रपात की खूबसूरत तस्वीर,गरियाबंद ब्लाक के घड़घड़ी जल प्रपात की खूबसूरत तस्वीर,गरियाबंद ब्लाक के घड़घड़ी जल प्रपात की खूबसूरत तस्वीर,गरियाबंद ब्लाक के घड़घड़ी जल प्रपात की खूबसूरत तस्वीर,गरियाबंद ब्लाक के घड़घड़ी जल प्रपात की खूबसूरत तस्वीर,गरियाबंद ब्लाक के घड़घड़ी जल प्रपात की खूबसूरत तस्वीर,गरियाबंद ब्लाक के घड़घड़ी जल प्रपात की खूबसूरत तस्वीर,गरियाबंद ब्लाक के घड़घड़ी जल प्रपात की खूबसूरत तस्वीर

खास बातें
-250 फिट लंबा और 120 फिट ऊंचा है जलप्रपात
-टै्रकिंग स्थल के रूप में हो सकता है विकसित
-देखने का सही समय वर्षाकाल एवं शरद ऋतु का प्रारंभ
-घोर जंगल होने से आवागमन में सुरक्षा व सतर्कता जरूरी
गरियाबंद. जिले के मैदानी और पहाड़ी इलाकों में मनोरम प्राकृतिक संपदा छिपी हुई है लेकिनसब जगह पहुंच न होने से खूबसूरती दुनिया से छिपी हुई है। गरियाबंद ब्लाक में ऐसा ही १२० फिट ऊंचा घड़घड़ी नाम का जल प्रपात भी है, जिसकी सुंदरता अब तक वनक्षेत्र में छुपी है और अब निकल कर सामने आई है।
वल दो विकासखंड फिंगेश्वर और देवभोग मैदानी भूमि वाले विकासखंड हैं जबकि शेष तीन छुरा, गरियाबंद और मैनपुर पहाड़ी क्षेत्र वाले विकासखंड हैं। इसी गरियाबंद विकासखंड के पूर्व दिशा में क्षेत्र का सबसे बड़ा जलप्रपात मिला है, जिसे ग्रामीण घडघडी जलप्रपात के नाम से जानते हैं। नाम रखने की दिलचस्प वजह यह है कि २५० फिट लंबे और १२० फिट ऊंचे शिखर से जब जलधारा चट्टानों का सीना चीरती हुई नीचे उतरती है, तो तेज बहाव से गर्जना होती है, उसी के कारण इसका नाम घडघडी जलप्रपात रखा गया।

ऐसे पहुंच सकते हैं घडघडी जलप्रपात
गरियाबंद जिले के जिला मुख्यालय से देवभोग मार्ग पर ग्राम जोबा से दर्रीपारा ग्राम तक पक्के मार्ग से जाया जा सकता है। इसके बाद दर्रीपारा से ग्राम चिपरी जाने के लिए कच्चा मार्ग पकडऩा पड़ता है। चिपरी ग्राम की बसाहट के ठीक बाहर पूर्व दिशा में जाने पर वन विभाग द्वारा पौधारोपण, वनीकरण एवं फेंसिंग का कार्य किया गया है। इसी फेंसिंग के किनारे-किनारे लगभग डेढ़ किमी आगे बढऩे पर उतार-चढ़ाव भरे वन पगडण्डी के बाद ग्राम निकट का नाला दिखाई पडऩे लगता है, जिसकी धारा पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण अत्यंत ही तेज है। यहां से लगभग डेढ़ किलोमीटर नदी के रास्ते को लक्ष्य मानकर बहाव के विरुद्ध चलने पर गरियाबंद विकासखंड के सबसे बड़े जलप्रपात के दर्शन होते हैं, जिसका नाम ग्रामीणों द्वारा घडघडी जलप्रपात रखा गया है।
यह जलप्रपात लगभग 120 फिट ऊंचा एवं 250 फिट लंबा है। यद्यपि यह इलाका पूरी तरह से वनाच्छादित होना प्रपात के लिए छद्मवेश का आवरण प्रदान करता है। बहाव के विरुद्ध में कई पेड़ होने के कारण जलप्रपात शिखर से घाटी तक अनेक सोपानों में बंटा एवं छिपा हुआ दिखाई पड़ता है। ग्रेनाइट की चिकनी चट्टानों में निर्मित होने के कारण यहां बहाव के विपरीत प्रपात में चढऩा, काई चढ़ी हुयी ग्रेनाइट चट्टानों को चुनौती देने जैसा है। खतरनाक भी है। प्रपात का जल चट्टानों से बहता हुआ कहीं लगभग 30 डिग्री का तो कहीं पर 45 डिग्री में तो कहीं पर 60 डिग्री में सोपान निर्मित होता है।

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