एकजुट ठेकेदारों की तीन घंटे तक चली बैठक
50 से 60 फीसदी मटेरियल महंगा, 10 बिंदुओं का प्रस्ताव पारित किया
रायपुर
Published: May 10, 2022 01:20:06 am
रायपुर. बढ़ते मटेरियल के दामों की वजह से प्रदेश में अब कभी भी निर्माण कार्य ठप हो सकता है। क्योंकि सभी सरकारी और अद्र्धशासकीय विभागों में निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार लामबंद हुए हैं। उनका कहना है कि पहले और अब में 50 से 60 प्रतिशत का अंतर आ चुका है। इसके बावजूद निर्माण विभागों के तकनीकी प्रमुख अधिकारी 10 साल पुराने शेड्यूल ऑफ रेट (एसओआर) को बदलने के बजाय शासन-प्रशसन को गुमराह कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसो. के बैनर तले लोक निर्माण, जल संसाधन, पीएचई, आरईएस, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क, मुख्यमंत्री सड़क योजना सहित हाउङ्क्षसग बोर्ड, विकास प्राधिकारणों और नगरीय निकायों में निर्माण करने वाले ठेकेदार एकजुट हुए। सोमवार को एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला की अध्यक्षता में समस्त ठेकेदारों की बैठक हुई।
आज सौंपेंगे ज्ञापन- तीन घंटे तक चली समस्त ठेकेदारों की बैठक में मुख्य रूप से 10 बिंदुओं का प्रस्ताव पारित किया गया। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने बताया कि अभी निर्माण कार्य ठप करने का निर्णय नहीं लिया गया है। मंगलवार को दोपहर 12 बजे नवा रायपुर में पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता तथा जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता को मांगों का बिंदुवार ज्ञापन सौंपेंगे।
ये हैं प्रमुख मांगें
- निर्माण विभागों में अलग-अलग एसओआर समाप्त किया जाए।
- विभागों के एसओआर और बाजार मूल्य का वर्तमान में मूल्यांकन कर अंतर की राशि स्वीकृत की जाए।
- पीडब्ल्यूडी में थर्ड पार्टी चेङ्क्षकग जैसी ठेकेदारों पर इंजीनियरों की नियुक्ति करने जैसे दबावपूर्ण नीति समाप्त हो।
- ऑनलाइन ईएमडी एवं एपीएस की राशि पूर्व की तरह लागू हो।
-2017 जुलाई से लागू जीएसटी कर का भुगतान वापस किया जाए।
-लघु मूल खनिज गौण रायल्टी अलग-अलग जिलों में चार गुना, पांच गुना वसूली का आदेश वापस लिया जाए।
-जल संसाधन विभाग में लागू 10 वर्ष की परफारमेंस गारंटी 5 साल की जाए। 2010 का एसओआर लागू है, उसमें संशोधन किया जाए।

एकजुट ठेकेदारों की तीन घंटे तक चली बैठक
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