मुख्यमंत्री ने कहा, योजना के प्रत्येक समूह में 10 से 15 सदस्य होंगे। इंदिरा वन मितान योजना में अनुसूचित क्षेत्रों के 19 लाख परिवारों को जोडऩे का लक्ष्य है। इस योजना के माध्यम से समूहों को वृक्ष प्रबंधन का अधिकार प्रदान किया जाएगा, जिससे वे वन क्षेत्रों के वृक्षों से वनोपज संग्रहण कर आर्थिक लाभ ले सकें। वनोपज की खरीदी की व्यवस्था समूह के माध्यम से की जाएगी, जिससे वनोपज का सही मूल्य मिल सके। वनोपजों की मार्केटिंग की व्यवस्था के साथ अनुसूचित क्षेत्रों के प्रत्येक विकासखण्ड में वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की जाएगी। एक यूनिट की अनुमानित लागत लगभग 10 लाख रुपए होगी। अनुसूचित क्षेत्रों के 85 विकासखण्ड में वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट स्थापना के लिए 8 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि प्राधिकरण मद से उपलब्ध कराई जाएगी।
जंगलों में अब इमारती लकड़ी नहीं
मुख्यमंत्री ने वनों में इमारती लकड़ी की बजाए फलदार और वनौषधियों के पौधे लगाने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा, ऐसा करने से वनवासियों की आय बढ़ सकेगी।
लोक नर्तकों के साथ मंत्री भी थिरके
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्रियों विधायकों ने आंगादेव, बूढ़ादेव एवं मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना की। आदिवासी नर्तक दल द्वारा गौर नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इस मौके पर मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, कवासी लखमा, अमरजीत भगत, डॉ. शिव डहरिया, अनिला भेडिय़ा तथा खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन भी नर्तक दलों के साथ मांदर की थाप पर थिरके।
नगर निगम में चार को मिला वनाधिकार छत्तीसगढ़ का जगदलपुर देश का पहला नगर निगम बन गया है। जहां शहरी लोगों को वन भूमि का अधिकार पत्र प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को जगदलपुर के चार लोगों को वन भूमि का अधिकार पत्र प्रदान कर इसकी शुरूआत की। जगदलपुर ऐसे विरले नगर निगम क्षेत्रों में से है जिसकी सीमा में आज भी छोटे और बड़े झाड़ के जंगल की भूमि है। जगदलपुर में वन अधिकार पत्र के लिए 1777 लोगों ने आवेदन किया है। चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम की मांग पर मुख्यमंत्री ने कोया-कुटमा समाज को सामाजिक भवन बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन और छह करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है।