scriptप्रदेश में निर्माण कार्यों की गति रुकी, टेंडर बहिष्कार का ऐलान | The pace of construction works stopped in the state, tender boycott an | Patrika News

प्रदेश में निर्माण कार्यों की गति रुकी, टेंडर बहिष्कार का ऐलान

locationरायपुरPublished: May 15, 2022 01:51:54 pm

रायपुर. प्रदेश में करोड़ों रुपए के निर्माण कार्यों की गति रुक गई है।

प्रदेश में निर्माण कार्यों की गति रुकी, टेंडर बहिष्कार का ऐलान

प्रदेश में निर्माण कार्यों की गति रुकी, टेंडर बहिष्कार का ऐलान

जबकि बारिश से पहले इन्हीं तीन-चार महीनों में सबसे अधिक बिल्डिंग, सड़कों और ओवरब्रिज व अंडरब्रिज बनाने का काम होता है, परंतु बढ़ते मटेरियल के दामों को लेकर समस्त निर्माण विभागों के ठेकेदारों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। इस मुद्दे को लेकर पिछले सप्ताहभर से छत्तीसगढ़ एसोसिएशन की लगातार मैराथन बैठक चली है। शनिवार को फिर हुई प्रदेश स्तरीय बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए सभी सरकारी निर्माण विभागों के टेंडर प्रक्रिया का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया। इससे सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया।

छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन की ये प्रदेश भर के जिला अध्यक्षों के साथ आखिरी बैठक थी। प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के ठेकेदार बढ़े हुए मटेरियल के दामों की वजह से कर्ज में डूबते जा रहे हैं। लगभग 10 से12 के अंदर कई बार बैठकें हुई हैं। साथ ही प्रदेश के सभी निर्माण विभाग के प्रमुखों को 10 साल पुराने शेड्यूल ऑफ रेट औरबाजार मूल्य के अंतर की राशि का राहत पैकेज तय करने सहित 15 सूत्रीय मांगपत्र सौंपकर शासन-प्रशासन को अवगत कराया है। बैठक में करोड़ाें के निर्माण कार्य करने वाले कांट्रेक्टरों समेत सभी श्रेणी के पंजीकृत ठेकेदार शामिल हुए और निर्माण कार्य करने में समसमर्थता जताया। इसके साथ ही 14 मई से प्रदेशभर में न तो कोई कांट्रेक्टर ऑनलाइन न ही मैन्युअल टेंडर भरेगा। जब तक कि शासन कोई निर्णय नहीं करता है।

बढ़े मटेरियल के दामों से कर्ज में डूब रहे

कांट्रेक्टर एसोसिएशन के बैनर तले अपनी जायज मांगों को लेकर संघर्षरत प्रदेशभर के ठेकेदारों ने एकजुटता दिखाई। उनका है कि पिछले 10 से 12 महीने पहले तक मेटरियल के जो रेट था, वो बढ़कर 50 से 60 प्रतिशत ज्यादा हो चुका है। ऐसे में निर्माण कार्य कराना संभव नहीं हो पा रहा है। क्योंकि ठेकेदार बाजार और बैंकों से कर्ज लेकर दबते जा रहे हैं, इसलिए मजबूरी में बड़ा फैसला लेना पड़ा है, जिसका असर प्रदेश में चल रहे और आगे होने वाले निर्माण कार्यों पर पड़ेगा।
10 साल पुराने एसओआर से बनी गंभीर िस्थति
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने जारी बयान में कहा है कि प्रदेश में सभी निर्माण विभागों के 8 से 10 हजार करोड़ के कार्य प्रभावित होंगे। अनुबंध के बाद जिस तेजी से मटेरियल के दाम बढ़े और शेड्यूल ऑफ रेट (एसओआर) में कोई परिवर्तन नहीं होने के कारण गंभीर िस्थति निर्मित हुई है। इसलिए प्रदेशभर में टेंडर के बहिष्कार का निर्णय मजबूरी में लेना पड़ा।

बिल्डर एसो ऑफ इंडिया ने पूरा समर्थन दिया

एसोसिएशन के इस फैसले का बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी अपना पूरा समर्थन देने की घोषणा की है। एसो. के प्रदेश अध्यक्ष केसी राव ने जारी बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन ने जो फैसला लिया है, वह ठेकेदारों को कर्ज में डूबने से बचाने वाला है। दोनों बड़े संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला और केसी राव ने संयुक्त रूप से कहा कि निर्णय सर्वसम्मति से लिया है। राज्य शासन से विकट िस्थतियों को देखते हुए एसओआर दर और बाजार मूल्य के अंतर की राशि का पैकेज तय करने के साथ ही 15 सूत्रीय मांगों के निराकरण की मांग की है। साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करने का भी समय मांगा है ताकि निर्माण कार्यों को लेकर जो गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई है उसका समाधान हो सके।
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